द फॉलोअप टीम, रांची:
तमाड़ विधानसभा सीट से विधायक और पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड मामले में दोषी कुंदन पाहन की जमानत याचिका पर होने वाली सुनवाई टल गई है। 20 सितंबर को एनआईए की विशेष अदालत में जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी लेकिन इसे टाल दिया गया। इसका मतलब की कुंदन पाहन को अभी और इंतजार करना होगा। पाठकों के लिए इस खबर के बाद सवाल भी होगा कि आखिर रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड क्या है और कुंदन पाहन की इसमें क्या भूमिका थी।
कुंदन पाहन ने 10 जून को दाखिल की थी याचिका
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसी वर्ष 10 जून को कुख्यात नक्सली रहे कुंदन पाहन ने रमेश सिंह हत्याकांड मामले में एनआईए की विशेष अदालत में जमानत याचिका दाखिल की थी। 26 अगस्त को मामले में सुनवाई हुई थी। उसी दिन अगली सुनवाई के लिए 20 सितंबर की तिथि दी गई थी। 20 सितंबर को मामले की सुनवाई होनी थी लेकिन अब इसे टाल दिया गया है। जमानत मिलेगी या नहीं इसके लिए कुंदन पाहन का इंतजार बढ़ गया है।
09 जुलाई 2008 को हुई थी रमेश सिंह मुंडा की हत्या
गौरतलब है कि 9 जुलाई 2008 को तमाड़ के तात्कालीन विधायक और पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या कर दी गई थी। पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा सहित 4 अन्य लोगों की हत्या उस वक्त कर दी गई थी जब वो बुंडू के एसएस हाई-स्कूल में एक समारोह में भाग लेने गए थे। घटना की आरंभिक जांच रांची पुलिस ने की लेकिन कोई सुराग नहीं ढूंढ़ पाई। बाद में मामला सीआईडी को स्थानांतरित कर दिया गया। साईईडी के हाथ भी खाली रहे। आखिरकार 28 जून 2017 को मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी के सुपुर्द कर दिया गया। एनआईए जांच में नतीज तक पहुंची।
पूर्व मंत्री राजा पीटर को बताया था मुख्य साजिशकर्ता
एनआईए में अपनी जांच में पाया था कि रमेश सिंह मुंडा की हत्या के लिए पूर्व मंत्री राजा पीटर ने 2 किश्तों में कुल 5 करोड़ रुपये की सुपारी कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन को दिया था। एनआईए के मुताबिक राजा पीटर ने 8 जुलाई 2008 को कुंदन पाहन को 3 करो़ रुपये दिए। बाद में 11 जुलाई 2008 को कुंदन पाहन के सहयोगी बलराम साहू को राजा पीटर ने 2 करोड़ रुपये दिए। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मामले में पूर्व मंत्री राजा पीटर, कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन और विधायक के अंगरक्षक शेषनाथ खरवार सहित 15 अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें राजा पीटर को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया था