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गुमला: डॉ. रामेश्वर उरांव ने वरीय अधिकारियों संग की बैठक, कोरोना के हालात पर हुई चर्चा

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द फॉलोअप टीम, गुमला: 

झारखंड के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने गुमला जिला के वरीय अधिकारियों के साथ मीटिंग की। मीटिंग में जिले में कोरोना संक्रमण के फैलाव तथा स्थिति से निपटने के उपायों पर चर्चा की गयी। डॉ. उरांव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कोरोना संक्रमित मरीजो के समुचित इलाज की व्यवस्था की जाए। बैठक में उपायुक्त, उपविकास आयुक्त, सिविल सर्जन औऱ जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने भाग लिया। 

वैक्सीनेशन में तेजी लाने का निर्देश दिया
डॉ. रामेश्वर उरांव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिले में वैक्सीनेशन कार्यक्रम में तेजी लाई जाए। डॉ. उरांव ने बताया कि छह जिलो में आरटीपीसीआर लैब की स्थापना की जा रही है। इसमें गुमला जिला भी शामिल है। इसके जरिए जांच में तेजी लाई जा सकेगी। डॉ. रामेश्वर उरांव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गुमला जिला में त्वरित कार्रवाई करते हुए ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की जाए। 

कोरोना के लिए केंद्र की नीतियां जिम्मेदार
पत्रकारों से बातचीत में वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के लिए केंद्र की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र की जिम्मेदारी थी कि राज्यों को जरूरत के मुताबिक रेमडेसिवीर इंजेक्शन, ऑक्सीजन और जीवन रक्षक दवाइयां उपलब्ध करवाए लेकिन केंद्र इसमें विफल रही। डॉ. उरांव ने कहा कि हेमंत सरकार अपने सीमित संसाधनों की बदौलत ही प्रदेश की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा और संक्रमित मरीजों को समुचित इलाज उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही है। 

वैक्सीन की आपूर्ति होते ही लगाया जाएगा टीका
वित्त मंत्री ने कहा कि वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है। सामाजिक जागरूकता के जरिए वैक्सीनेशन के बारे में फैली भ्रांतियों को खत्म करना होगा। लोगों के मन से डर निकालना होगा। डॉ. उरांव ने कहा कि फिलहाल वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने की वजह से टीकाकरण कार्यक्रम रोकना पड़ा। 15 मई के बाद जैसे ही वैक्सीन की आपूर्ति की जायेगी, 18 से 45 वर्ष तक के सभी नागरिकों को टीका लगाने का काम शुरू होगा। 

गुमला में कोरोना से 14 लोगों की मौत हो गयी
मीटिंग में उपायुक्त ने जानकारी दी कि जिले में अब तक संक्रमण की वजह से 14 लोगों की मौत हो चुकी है। जिले में मृत्यु दर 0.36 फीसदी है। राज्य में मृत्यु दर 1.1 फीसदी है। उपायुक्त ने बताया कि जिले में 25 हजार मेडिकल किट की व्यवस्था की गयी है। मरीजों की सहायता के लिए जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड मुख्यालयों तक में कंट्रोल रूम बनाया गया है। तकनीक की भी मदद ली जा रही है। उपायुक्त ने बताया कि गुमला में छह वेंटिलेटर सहित ऑक्सीजन युक्त बेड की व्यवस्था है। 

प्रवासी श्रमिकों के लिए भोजन राश का प्रबंध
डॉ. रामेश्वर उरांव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गुमला में लौटे प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा के तहत रोजगार दिया जाए। प्रवासी श्रमिकों को निगरानी में रखा जाए। सबकी कोरोना जांच की जाए। डॉ. उरांव ने जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी को निर्देश दिया कि संक्रमण काल में लॉकडाउन की वजह से जिन लोगों के पास राशन का संकट है उन्हें राशन और भोजन उपलब्ध करवाया जाए।