द फाॅलोअप टीम, नई दिल्ली
नए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलनकारी किसान उत्तर प्रदेश सीमा पर आज पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ दिल्ली में घुसने की कोशिश की। बता दें राष्ट्रीय राजधानी जहां एक ओर दिल्ली के सिंघु और टिकरी सीमा पर हरियाणा और पंजाब के किसान डटे हुए हैं, वहीं यूपी सीमा पर भी भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश सिंह टिकैत के नेतृत्व में हाजारों की संख्या में किसान डेरा डाल रखा है। सिंघु बॉर्डर पर किसान आगे की रणनीति को लेकर चर्चा कर रहे हैं तो वहीं, यूपी गेट पर किसान उग्र हो गए हैं। यहां पर किसानों ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़कर प्रदर्शन किया। कुछ किसान दिल्ली में घुसने की भी कोशिश की।
किसान नेता टिकैत ने कहा
आन्दोलनकारी किसानों का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैत ने कहा कि अभी हमें दिल्ली जाने की कोई जल्दी नहीं है। 3 तारीख को वार्ता है सरकार से। उसके बाद ही तय होगा आगे क्या करेंगे। रविवार दोपहर यूपी बॉर्डर पर किसानों की भीड़ बढ़ने लगी। इस दौरान किसानों ने दिल्ली-पुलिस की बैरिकेटिंग गिराकर जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसान आन्दोलन के समर्थन में आप
दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि किसानों के साथ बातचीत के लिए कोई शर्त नहीं होनी चाहिए। केंद्र सरकार को तुरंत आयोजित की जानी चाहिए, वे हमारे देश के किसान हैं। उन्हें अपना विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी जानी चाहिए जहां वे चाहते हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों की बैठक चल रही है।
किसानों की चिंता भाजपा ही करती है : शाहनवाज
बीजेपी सांसद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि किसानों की चिंता हम करते हैं और करते रहेंगे। किसान हमारे दिल में बसते हैं, किसानों को भड़काने का काम कोई न करें। हम जो फैसला लेते हैं वो किसानों के हित में होता है। लोगों के बीच गलतफहमी पैदा की जा रही है हमारी अपील है कि वो गलतफहमी के शिकार न हो।
किसानों के साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार : संजय राउत
शिवसेना सांसद संजय राउत ने बताया कि जिस तरह से किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका गया है, ऐसा लग रहा है कि जैसे वे इस देश के हैं ही नहीं। उनके साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया गया है। चूंकि वे सिख हैं और पंजाब और हरियाणा से आए हैं, इसलिए उन्हें खालिस्तानी कहा जा रहा है। यह किसानों का अपमान है।