द फॉलोअप टीम, रांची:
देवघर डीसी मंजूनाथ को पद से हटाने के आदेश पर झामुमो की तीखी प्रतिक्रिया। झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा के अग्रणी संगठन के तौर पर काम नहीं करे चुनाव आयोग। आयोग एक संवैधानिक संस्था है। देवघर के डीसी मंजूनाथ भजंत्री को लेकर दिए गए निर्देश की आड़ में केंद्रीय निर्वाचन आयोग पर प्रहार किया है। चुनाव कार्य के अलावा किस अधिकारी को किस पद पर रखना है, यह सरकार तय करेगी। चुनाव आयोग को इसकी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
ध्यान रखना चाहिए कि अपराध कभी भी मरता नहीं
झामुमो ने आरोप लगाया कि जो मामला न्यायिक है, उसपर चुनाव आयोग को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। कहा जा रहा है कि देवघर के उपायुक्त ने देर से एफआइआर दर्ज कराया। यह ध्यान रखना चाहिए कि अपराध कभी भी मरता नहीं है। अपराध के बारे में सूचित करने के कई प्रावधान हैं। राज्यसभा चुनाव में शिकायत के मद्देनजर भी चुनाव आयोग ने आइपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता के खिलाफ केस दर्ज कराने का आदेश दिया था। उस वक्त राजबाला वर्मा राज्य की मुख्य सचिव थीं। तीन साल के बाद अनुराग गुप्ता के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुआ। एफआइआर वापस लेने का फैसला अदालत करेगी या चुनाव आयोग। अब न्यायिक प्रक्रिया में भी निर्वाचन आयोग का अतिक्रमण होगा। किस फैसले में न्यायालय का क्या निर्णय होगा, इसका निर्धारण निर्वाचन आयोग को नहीं करना चाहिए।
चुनाव आयोग के फैसले का झामुमो विरोध करता है
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के मामले में भी चुनाव आयोग ने फैसला कर दिया कि उनके दल का विलय ठीक था। दसवीं अनुसूची के तहत यह फैसला होना है। इसमें हस्तक्षेप का कौन सा नियम है। क्या आयोग यह निर्णय लेगा कि धोती साड़ी, खेल योजना या अन्य योजनाएं चलेंगी या नहीं चलेंगी। चुनाव आयोग का पूर्ण सम्मान है लेकिन इसे भाजपा का अग्रणी संस्थान के रूप में मत बदलिए। देश के करोड़ों मतदाता आयोग पर भरोसा करते हैं। आरोप लगाया कि यूपी में सरकारी खर्च पर चुनाव प्रचार अभियान चल रहा है। चुनाव आयोग को इसपर संज्ञान लेना चाहिए। चुनाव आयोग उस मामले में क्यों मौन है और झारखंड के मामले में मुखर है। चुनाव आयोग के फैसले का झामुमो विरोध करता है।