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रंगमंच: नाटक ने महसूस कराया बुजुर्ग के एकांत का दर्द

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द फॉलोअप टीम, रांची:

रांची में रंगमंच और फिल्‍म में रुचि रखने वालों के लिए झारखंड फिल्म एंड थियेटर एकेडमी लगातार मंच मुहैया करा रही है। कोराना काल में भी एकेडमी ने ऑन लाइन मंचन जारी रखा। आज  एकेडमी के मिनी सभागार में दो लघु नाटकों का मंचन किया गया, जिसमें शामिल थे "बोझ-द बर्डन"  और "बैक बेंचर" का मंचन हुआ। मंचन को मानव जालान, जगदीश प्रजापति, गौरव राज, शानू सिन्हा, प्रीति सिन्हा, ऋषि राज, बबीता कुमारी, सनी प्रताप, शिव शक्ति, गुरुधन घोष और मनीषा मंडल आदि फनकारों ने अपने अभिनय से जीवंत किया। एकेडमी के निदेशक राजीव सिन्हा के मुताबिक बुधवार की बजाय अब हर रविवार शाम 5:00 बजे एक नाटक का मंचन किया जाएगा। इसी क्रम में अगला नाटक है, मे आई हेल्प यू।

 

आत्महत्या की प्रवृत्ति घातक

नाटक "बोझ-द बर्डन" में दिखाया गया कि जब बेटा छोटा होता तो कैसे अपने पिता से कई सवाल पूछता है और पिता बिना संकोच और बिना नाराज हुए उसके सभी सवालों का जवाब देते हैं।लेकिन वही बेटा जब बड़ा हो जाता है तो पिता के चंद सवालों से ही सिर चिढ़ाने लग जाता है और आखिरकार अपने पिता को वृद्ध आश्रम जाने की सलाह देता है। इस नाटक के माध्यम से यही संदेश दिया गया कि किस तरह एक बुजुर्ग अकेलेपन में खुद को बेबस और लाचार महसूस करता है। वहीं दूसरे नाटक "बैक बेंचर" में युवाओं में बढ़ रहे आत्महत्या की प्रवृत्ति को दर्शाया गया। दर्शन नाटक में रक्षिता नाम की एक लड़की जो अपने बॉयफ्रेंड माता-पिता दोस्त और शिक्षक घर से दुखी होकर खुदकुशी करने का मन बनाती है जबकि एक आईएएस ऑफिसर ऐन मौके पर पहुंचकर उसे मोटिवेट करते हैं और इस प्रवृत्ति से उसे दूर ले आते हैं।