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कश्मीर पर दिग्विजय के बयान से उनका परिवार ही सहमत नहीं, छोटे भाई की पत्नी का छलका दर्द

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द फॉलोअप टीम, श्रीनगर:

दिग्विजय सिंह के आर्टिकल 370 वाले बयान पर उनका घर ही सहमत नहीं है। उनके बयान का विरोध अब तक भाजपा कर रही थी लेकिन अब उनके खुद के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह और उनकी पत्नी रुबीना सिंह ने भी विरोध किया है। रूबीना सिंह ने दिग्विजय सिंह के बयान को अनावश्यक बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा पर कि कश्मीरी पंडितों और तथाकथित आरक्षण के बारे में बोले गए शब्द दुर्भाग्यपूर्ण हैं। वह भी ऐसे पत्रकार के सामने जो हमारे देश का नहीं है। वह एक ऐसा राष्ट्र का है जिसने हमें शांति से रहने नहीं दिया। मानो हमने पर्याप्त कष्ट नहीं उठाया हो। हानिकारक और अनावश्यक। 

कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने से खुश हैं रुबिना सिंह
बता दें कि रुबीना सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा कि वह कश्मीरी से आर्टिकल 370 हटाने के फैसले से खुश हैं। इसके लागू रहने के दौरान कश्मीरी पंडितों के साथ कैसा बर्ताव किया जाता था, यह किसी से छिपा नहीं है। जब वहां 370 धारा लागू थी  न ही कांग्रेस और न ही बीजेपी ने कुछ किया। रुबीना सिंह का कहना है कि उनके जेठ (दिग्विजय सिंह) ने 370 आर्टिकल पर विचार करने की बात कही है तो कांग्रेस को यह साफ करना चाहिए कि क्या वाकई ऐसी कोई योजना है। 

जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बयान
रुबीना ने कहा है ये मेरी समझ से परे है कि वे इस मसले को क्यों उठा रहे हैं। वह भी एक पाकिस्तानी पत्रकार के पास। यह बयान जनता की भावनाओं को ठेस  पहुंचाने वाला है। मैं सिर्फ यह बताना चाह रही हूं कि यह गलत है। यह जो हुआ है, वह ज्यादातर कश्मीरी पंडितों को ठेस पहुंचा रहा है। लोकतंत्र में उन्हें अपनी बात रखने की पूरी आजादी है, पर हमें बहुत दुख हुआ है। बता दें कि रुबीना सिंह कश्मीरी पंडित है। 

कश्मीरी हैं दिग्विजय सिंह के भाई की पत्नी रुबिना
रुबीना ने अपने बारे में बताते हुए कहा है कि वह मूल रूप से कश्मीरी है। उनकी मां कश्मीरी हैं। कश्मीर में उनके दो घर थे एक श्रीनगर में और एक गुलमर्ग में। कश्मीरी पंडितों वाला मामला जब शुरू हुआ तो उन्होंने दोनों घर खो दिए। उन्हें घर छोड़कर दिल्ली आना पड़ा। किसी भी सरकार ने उनकी मदद नहीं की। उन्होंने इस दर्द को झेला है अगर दिल्ली में उनका घर नहीं होता तो उनका और उनके परिवार का क्या होता। अपने ट्वीट के बारे में वह कहतीं है कि  ट्वीट गुस्से में नहीं किया है, वो मेरी पीड़ा है। जिस देश से हम लड़ रहे हैं, उसी देश के पत्रकार के सामने हमें जलील किया जा रहा है। यह गलत है। कांग्रेस के कई नेता भी आर्टिकल 370 को लेकर इसी तरह की बात कहते आए हैं।

कश्मीर पर दिग्विजय सिंह के बयान से उठा विवाद
'कांग्रेस अगर केंद्र की सत्ता में आई तो जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 (Article 370) को  फिर से बहाल करने पर विचार किया जाएगा.'  दिग्विजय सिंह ने कहा था  'जब उन्होंने कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया तो वहां लोकतंत्र नहीं था।  वहां इंसानियत भी नहीं थी, क्योंकि सभी को जेल में बंद कर दिया गया था। कश्मीरियत वहां के सेक्युलरिज्म का हिस्सा है, क्योंकि मुस्लिम बहुल राज्य का राजा हिंदू था और दोनों साथ मिलकर काम किया करते थे।  यहां तक कि कश्मीर में कश्मीरी पंडितों को सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया गया था। ऐसे में आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला बेहद दुखद था और कांग्रेस जब सत्ता में आएगी तो 370 हटाने के फैसले पर फिर विचार करेगी।  दिग्विजय सिंह के इस कथन के बाद से भाजपा से लेकर उनके परिवार में सवाल उठ रहे है।