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झारखंड के विभिन्न विभागों में एसटी-एससी की प्रोन्नति में गड़बड़ी विभागों ने मांगा ब्योरा, 4 नवंबर को होगी बैठक

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द फॉलोअप टीम, रांची  
राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में पिछले 18 सालों से एसटी-एससी वर्ग के कर्मियों की प्रोन्नति को लेकर अनियमितता जारी है। राज्य गठन के बाद वर्ष 2002 से 2019 के दौरान विभिन्न विभागों में दी गयी प्रोन्नति पर विधानसभा की विशेष कमेटी समीक्षा कर रही है। विभिन्न विभागों में कार्यरत 2000 से अधिकारी-कर्मचारी इससे प्रभावित हैं। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
4 नवंबर को होगी बैठक
बता दें कि पिछले दिनों कमेटी की बैठक में कार्मिक सचिव के साथ श्रम विभाग, जल संसाधन, पीडब्ल्यूडी सहित कई विभागों के अधिकारी पहुंचे थे। कमेटी ने इन विभागों में एसटी-एससी के प्रोन्नति का ब्योरा मांगा। कमेटी की अगली बैठक चार नवंबर को बुलायी गयी है। बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा राज्य के मुख्य सचिव भी मौजूद रहेंगे। कमेटी को 15 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट विधानसभा को सौंपनी है। झामुमो विधायक दीपक बिरुआ कमेटी के संयोजक हैं। वहीं, भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, कांग्रेस विधायक डॉ सरफराज अहमद को सदस्य और बंधु तिर्की को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाये गये हैं।

विभागों ने माना, प्रोन्नति में चूक हुई है
विशेष कमेटी के समक्ष विभिन्न विभागों के सचिव उपस्थित हुए। विभागों की ओर से एसटी-एससी प्रोन्नति को लेकर स्थिति स्पष्ट की गयी। कार्मिक विभाग ने माना कि राज्य में सरकार के विभिन्न विभागों में तय गाइडलाइन के आधार पर प्रोन्नति में चूक हुई है। कार्मिक विभाग की ओर से बताया गया कि वर्ष 2002, 2005, 2011 में केंद्र सरकार ने प्रोन्नति को लेकर अलग-अलग दिशा-निर्देश दिये थे। कई विभागों में इसका पालन नहीं हुआ। इसके साथ ही प्रोन्नति के मामले को लेकर वर्ष 2016 में राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता का भी मंतव्य आया था, लेकिन उसका भी अनुपालन नहीं हुआ।

रिपोर्ट आने तक प्रोन्नति नहीं होगी
एसटी-एससी के प्रोन्नति के मामले की समीक्षा कर रही विधानसभा की विशेष कमेटी ने फिलहाल राज्य में विभिन्न विभागों में चल रही प्रोन्नति की प्रक्रिया रोकने को कहा है। विस कमेटी को सूचना मिली थी कि जल संसाधन विभाग में प्रोन्नति को लेकर कार्रवाई चल रही है। पिछली बैठक में कमेटी ने जल संसाधन विभाग से पूछा था कि निर्देश के बाद प्रक्रिया क्यों शुरू की गयी है? विभाग का कहना था कि कार्मिक की ओर से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं आया है। बाद में कार्मिक विभाग द्वारा स्थिति स्पष्ट करने के बाद प्रक्रिया रोकी गयी है।

केंद्र की गाइडलाइन का पालन नहीं हुआ
कमेटी के संयोजक दीपक बिरुआ ने कहा कि राज्य गठन के बाद से ही एसटी-एससी के प्रोन्नति के मामले में गड़बड़ी हो रही है। एसटी-एससी कर्मियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। केंद्र की गाइडलाइन का पालन नहीं हुआ है। इसे कार्मिक विभाग ने भी माना है। विस कमेटी जानना चाहती है कि किस आधार पर मेरिट को रोका जा रहा है। अगली बैठक में सीएम भी उपस्थित रहेंगे। पिछली बैठक में कमेटी ने जल संसाधन विभाग से पूछा था कि निर्देश के बाद प्रक्रिया क्यों शुरू की गयी है? विभाग का कहना था कि कार्मिक की ओर से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं आया है। बाद में कार्मिक विभाग द्वारा स्थिति स्पष्ट करने के बाद प्रक्रिया रोकी गयी है।

बंधु तिर्की ने उठाया था मामला
बजट सत्र के दौरान विधायक बंधु तिर्की ने एसटी-एससी के प्रोन्नति में गड़बड़ी का मामला उठाया था। बंधु तिर्की ने श्रम विभाग का हवाला देते हुए कहा कि प्रोन्नति में एसटी-एससी की प्रोन्नति में नाइंसाफी हो रही है। स्पीकर ने इसके लिए विधानसभा की विशेष कमेटी गठित कर दी।