द फॉलोअप टीम, गढ़वा:
गढ़वा अनुमंडलीय अस्पताल में कोरोना मरीज की मौत हो गयी। मृतक की मनोगी राम के 32 वर्षीय पुत्र सुग्रीम राम के रूप में की गयी। मृतक बंशीधर थानाक्षेत्र अंतर्गत चित्रविश्राम गांव के बालबही टोला का रहने वाला था। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। परिजनों का आरोप है कि युवक तड़पता रहा लेकिन उसे समुचित इलाज नहीं मिला।
इलाज के लिए किया ढाई घंटा इंतजार
मृतक सुग्रीव राम के परिजनों का कहना है कि मरीज को इलाज के लिए अस्पताल के बाहर ढाई घंटे तक इंतजार कराया गया। मरीज का ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो गया था। उसे त्वरित ऑक्सीजन की आवश्यक्ता थी। परिजनों का आरोप है कि वे इलाज की गुहार लगाते रहे लेकिन अस्पताल में मौजूद मेडिकल कर्मियों ने कहा कि अभी डॉक्टर नहीं हैं। उनके आने के बाद ही इलाज किया जायेगा।
इलाज में देरी से मरीज की हुई मौत
जब मरीज की हालत काफी बिगड़ गयी तो नर्सिंग कर्मी सुशीला तिग्गा ने उसे अस्पताल के ड्रेसिंग वार्ड में लिटाया। परिजनों का कहना है कि तब तक मरीज का ऑक्सीजन लेवल 40 तक गिर चुका था। परिजनों ने बतया कि जब मरीज चीखने लगा तब डॉक्टर्स आए और मरीज को गढ़वा सदर अस्पताल रेफर कर दिया। परिजनों ने एंबुलेंस के लिए 108 पर कॉल किया लेकिन लगा नहीं। मरीज को ना तो समय पर इलाज मिला और ना ही एंबुलेंस। आखिरकार एक जिंदगी व्यवस्था से हार गयी।
परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप
मृतक सुग्रीम राम के बड़े भाई मुखलाल राम ने बताया कि गुरुवार की सुबह उनके भाई ने पेट फूलने और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की। 8 बजे उसे अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं था। नर्सिंग स्टाफ ने कहा कि डॉक्टर आएंगे तो ही इलाज होगा। उसकी कोरोना जांच भी नहीं की गयी। आखिरकार ऑक्सीजन के अभाव में मरीज की मौत हो गयी। मुखलाल राम का आरोप है कि अस्पताल में ऑक्सीजन होते हुए भी उनके भाई को कोई मदद नहीं मिली।