द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार को गिराने की साजिश में तीन लोगों की गिरफ्तारी और इस मामले में कांग्रेस विधायकों की भूमिका पर उठे सवाल को पार्टी नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर इस मसले पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव और विधायक दल के नेता आलमगीर आलम से मोबाइल फोन पर बात कर पूरी रिपोर्ट मांगी है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी भी इस प्रकरण की जानकारी मिलने पर खासे नाराज बताये जाते हैंं। यही कारण है कि इस मसले पर पार्टी के झारखंड मामलों के प्रभारी आरपीएन सिंह से रिपोर्ट मांगने की बजाय गांधी परिवार के करीबी केसी वेणुगोपाल से पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मांगी गयी है।
केसी वेणुगोपाल ने रामेश्वर और आलमगीर से मांगी रिपोर्ट
पार्टी के विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केसी वेणुगोपाल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक दल से पूरी रिपोर्ट मांगने के साथ ही पार्टी में किसी भी संभावित टूट को रोकने के लिए आवश्यक पहल करने का निर्देश दिया है। इसे लेकर जल्द ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता के अलावा विधायकों को दिल्ली भी तलब किया जा सकता है।
झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह की भूमिका संदिग्ध
इस पूरे प्रकरण में पार्टी प्रभारी आरपीएन सिंह की भूमिका को भी काफी कमजोर माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि प्रदेश नेतृत्व तथा सरकार के कामकाज अथवा अपना काम नहीं होने से नाराज होकर दिल्ली जाने वाले पार्टी विधायकों का उन्होंने पीठ थपथपा कर हौसला बढ़ाने का काम किया। जिसके कारण ही इन विधायकों का मनोबल बढ़ता गया है। इन सभी ने नेतृत्व परिवर्त्तन की तैयारी शुरू कर दी थी। वहीं उत्तराखंड की सहप्रभारी बनायी गयी पार्टी की एक विधायक पूरे प्रकरण के सामने आने के बाद सारे मामले से पल्ला झाड़ते हुए खुद को उत्तराखंड तक सीमित कर लिया है। इससे पहले वह लगातार दिल्ली और झारखंड की राजनीति में सक्रिय रहती थी।
विधायक दल के नेता ने आनन-फानन में की बैठक
इधर, केंद्रीय नेतृत्व से रिपोर्ट तलब होने के बाद आनन-फानन में पार्टी विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने बुधवार को रांची में कांग्रेस के कई विधायकों से बैठक की और उनका पक्ष जानने की कोशिश की। अब प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व इस मामले को रफादफा करने की कोशिश में जुटा है और जो विधायक जांच के घेरे में आये हैं, उन्हें क्लिनचिट देने की कोशिश की गयी है। सूत्रों के मुताबिक इस पूरे प्रकरण में पार्टी के कुछ नेताओं की पृष्ठभूमि की जानकारी भी नेतृत्व के पास उपलब्ध है। वहीं प्रदेश कांग्रेस के भी कुछ नेता जल्द ही पार्टी हाईकमान के पास जाकर प्रदेश प्रभारी की भूमिका के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराएंगे।