द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
केंद्र की मोदी सरकार को संसद के भीतर और बाहर दोनों ही जगहों पर कृषि बिल को लेकर भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। शीतकालीन सत्र की शुरुआत होते ही कांग्रेस पार्टी ने गांधी प्रतिमा के सामने कृषि बिल रिफार्म बिल पर चर्चा की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेसी नेताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी कर रही थीं।
टीएमसी ने गांधी प्रतिमा के सामने किया प्रदर्शन
इस बीच तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने भी महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने कृषि बिल रिफॉर्म बिल-2021 पर चर्चा की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान टीएमसी सांसदों ने निकम्मी सरकार हाय-हाय के नारे लगाये। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने कुछ दिनों पहले कृषि बिल को वापस लेने का ऐलान किया था। इस आलोक में शीतकालीन सत्र के पहले दिन द फार्म लॉ रिफॉर्म बिल-2021 लाया जाना है। कृषि मंत्री कह चुके हैं कि सरकार ने कानून को वापस लेने की किसानों की मांग मान ली है। अब किसानों को आंदोलन खत्म कर देना चाहिए।
सरकार पर दबाव बना रहे हैं किसान संगठन
इस बीच संसद के बाहर किसान संगठन लगातार सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि ये अच्छी बात है कि सरकार ने कानून को निरस्त करने का फैसला किया है लेकिन ये अधूरा है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि जब तक एमएसपी पर ठोस गारंटी वाला कानून नहीं बनता, आंदोलन के दौरान मृत किसानों के आश्रितों को उचित मुआवजा नहीं मिलता, मुकदमों की वापसी नहीं होती, आश्वासन अधूरा है।
राकेश टिकैत ने सरकार को क्या चेतावनी दी
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार चाहती है कि देश मे कोई विरोध प्रदर्शन ना हो, लेकिन हम एमएसपी सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा से पहले धरना स्थल नहीं छोड़ेंगे। इससे पहले निजी समाचार चैनल से बातचीत में राकेश टिकैत ने कहा कि यदि सरकार हमारी मांगों पर सकारात्मक विचार नहीं करती तो 26 जनवरी दूर नहीं है। राकेश टिकैत ने कहा कि 26 जनवरी जल्द आने वाला है। हमारे 4 लाख ट्रैक्टर तैयार हैं।