रांची:
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) मंगलवार को संताल परगना (Santal Pargana) के दौरे पर थे। साहिबगंज (Sahibganj) जिला के बरहेट प्रखंड स्थित ऐतिहासिक भोगनाडीह गांव (Bhognadih Village) में सबसे पहले तो मुख्यमंत्री ने हूल क्रांति के नायक सिद्धो-कान्हू, चांद और भैरव की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और इसके बाद जनसभा को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में प्रदेश में सुखाड़ (Sukhad) की स्थिति और धान की फसल के कम उत्पादन पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि ये वि़डंबना है कि जिस प्रदेश की 80 फीसदी जनता कृषि पर आश्रित है, वहां सुखाड़ की वजह से भयावह स्थिति पैदा हो गई है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर इससे निपट लेंगे।
झारखंड प्रदेश को सुखाड़ से निपटना है!
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड प्रदेश को सुखाड़ जैसी स्थिति से निपटना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अधिकांश लोग खेती-बाड़ी करते हैं। तकरीबन 80 फीसदी लोग कृषि कार्यों (Agriculture) के जरिए जीवन-निर्वाह करते हैं। मुख्यमंत्री ने संताल परगना के विभिन्न जिलों में धान की फसल के कम उत्पादन पर चिंता जताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मौसम बहुत खराब है।
लगातार हो रही बारिश और बिजली कड़कने की घटना की वजह से हमारा हेलिकॉप्टर बहुत ऊपर नहीं उड़ पा रहा था। पायलट एहतियातन हेलिकॉप्टर को काफी कम ऊंचाई पर उड़ा रहे थे। इसका एक फायदा हुआ। मैंने रांची से लेकर संताल तक झारखंड की जमीन को काफी करीब से देखा। मुझे ये देखकर बहुत दुख हुआ कि पूरे संताल परगना में धान की खेती ना के बराबर हुई है।
सुखाड़ की समस्या ने चिंता में डाल दिया!
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं नई योजनाएं और कानून बनाने की तैयारी में था जिससे राज्य उत्तरोत्तर प्रगति पथ पर आगे बढ़ता लेकिन सुखाड़ की समस्या ने हमें भी चिंता में डाल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के लोगों को ना केवल सुखाड़ बल्कि भविष्य में अन्य समस्याओं से भी जूझना होगा लेकिन मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार आपके सुख-दुख में आपका साथ देगी।
आपके सुख-दुख में साथ देगी सरकार!
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने सोमवार को सभी प्रमंडलों के कमिश्नर, सभी जिलों के उपायुक्त, अलग-अलग विभागों के सचिव और पदाधिकारियों के साथ पूरे दिन बैठक की। बैठक में चर्चा हुई कि राज्य में मौजूदा सुखाड़ की स्थिति से कैसे निपटा जाए।
कृषि पर निर्भर 80 फीसदी लोगों को कैसे राहत पहुंचाई जाए। सीएम ने कहा कि मैंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे व्यक्तिगत रूप से लोगों के बीच जाएं और उनकी समस्या सुनें। कार्ययोजना बनाकर समस्याओं का समाधान करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं इसी सिलसिले में आज संताल परगना में ऐतिहासिक भोगनाडीह में आप सबों के बीच आया हूं।