द फॉलोअप टीम, रांची:
साइबर अपराधियों ने लॉकडाउन के दौरान लोगों को फ़साने का एक नया तरीका ढूंढा है। हनीट्रैप का का धंधा काफी तेजी से फ़ैल रहा है। सोशल मीडिया का सहारा लेकर लोगों को ब्लैकमेल किया जा रहा है औऱ उनसे पैसे ऐंठे जा रहे हैं। यह एक साइबर क्राइम से जुड़ा धंधा है जिसे सेक्स के जरिये बढ़ाया जा रहा है। इस धंधे में सबसे पहले शिकार ढूंढा जा रहा है। फिर उसे सोशल साइट्स के जरिये फसाता है। जो लड़कियों की तस्वीरों पर खूब कमेंट्स और लाइक किया करते हैं। सबसे पहले उस व्यक्ति को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा जाता है। जैसे ही फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर लिया जाता हैं। इसके बाद लड़की पहले ऑनलाइन चैट शुरू कर देती है। चैट के दौरान ही फोन नबंर लिया और बातचीत वाट्सअप पर जाती है। इस दौरान लड़की अपने शिकार को ऑनलाइन सेक्स के लिए उकसाती है।
वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग
जब वाट्सप के वीडियो कॉल पर बात शुरू होती है तो पहले लड़की अश्लील हरकत करती है। जब दूसरी तरफ से लड़के भी अश्लील हरकत करने लगते है तो लड़की उसे रिकॉर्ड कर लेती है और यहाँ से ब्लैकमेलिंग शुरू हो जाता है। लड़की अपने शिकार से उसके वीडियो के लिए पैसे की मांगने शुरू कर देती है। पैसे नहीं देने पर धमकी देती है कि वह वीडियो को यूट्यूब पर अपलोड कर देगी। शिकार जब नहीं डरता है तो क्राइम ब्रांच के अधिकारी के नाम पर फोन आना शुरू होता है और कहा जाता है कि उसके ऊपर मामला दर्ज हो चुका है। अगर बचना है तो वह लड़की को पैसे दे दे।
यूट्यूब से आता है कॉल
पीड़ित शिकार क्राइम ब्रांच के अधिकारी से बात करता ही रहता है कि उसे एक यूट्यूबर का भी कॉल आता है। वह बताता है कि उसे एक वीडियो अपलोड करने के लिए दिया गया है अगर वह पैसे नहीं देगा तो वीडियो यूट्यूब पर अपलोड कर दिया जाएगा। लड़की भी अपने शिकार से लगातार पैसे मांगती है। थक हार कर शिकार पैसे देकर पीछा छुड़ाता है। लोग इस मामले में अपनी बेइज्जती ना हो इसलिए पुलिस के पास नहीं जा रहे है। हनी ट्रैप नामक गिरोह पुलिस अधिकारियों के प्रोफाइल का ही इस्तेमाल कर ठगी को अंजाम दे रहा है। रांची के साइबर डीएसपी सुमित कुमार की वर्दी वाली तस्वीर दिखाकर लाखों की ठगी करने वाले 11 साइबर अपराधी बीते मंगलवार को राजस्थान के अलवर से पकड़े गए हैं।