द फॉलोअप टीम, गिरिडीह:
माता पिता का साया बच्चों के सर से उठते ही समाज उनके साथ जानवरों से भी बदतर सलूक करने लगता है। पहले तो यह देखा जाता है कि कोई उनकी जिम्मेदारी ही ले ले, यही बड़ी बात है। अगर जिम्मेदारी ले भी लेते हैं, तो इसकी कोई गारंटी नहीं देता की बच्चों को अपने बच्चों की तरह रखा जायेगा और उनके साथ अच्छा व्यवहार किया जाएगा। ऐसा ही कुछ हुआ है, गावां थाना इलाके के पिहरा पश्चिमी पंचायत के नीमाडीह गांव में। जहां दो बच्चियों का जीजा उनके साथ जानवरों की तरह व्यवहार करते थे। मां की मौत और पिता के लापता होने पर दो मासूम बच्चियों की देखभाल का जिम्मा बहन और जीजा ने उठाया था। वहां बच्चियों के साथ पिटाई की जाती रही। गुरुवार को ग्रामीणों और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं के सहयोग से एक बच्ची गावां थाना पहुंची। जब शिकायत दर्ज कराई तो तब जाकर यह मामला सामने आया।
डोभा में डूबने से मां की मौत हुई थी
बच्ची ने बताया कि मां की मौत डोभा में डूबने से हुई थी और पिता लापता हैं। बड़ी बहन आरती अपने पति नवीन यादव के साथ पिता के घर नीमाडीह में रह रही है। पीड़ित बच्ची ने बताया कि उसके जीजा नवीन यादव उसके साथ और उसकी छोटी बहन के साथ मारपीट करते है। गुरुवार की अहले बच्ची अपने मामा घर पहुंची थी। मामा ने देखा कि बच्ची के पूरे शरीर में पिटाई के दाग है। वहीं शरीर और चेहरे पर कहीं कहीं दांत से काटने के भी निशान है।
घर से नहीं निकलने देते हैं
मासूम बच्ची रुनीता ने बताया कि उसके जीजा बेरहमी से पीटते भी है। उन्हें घर से निकलने भी नहीं देते है। बच्ची के मामा दरोगी प्रसाद यादव ने कहा कि दूसरी बच्ची पम्मी जीजा के पास से वापस लाने की गुहार लगाई है। थाना प्रभारी सूरज कुमार ने कहा कि बच्ची को इलाज के लिए भेजा गया है। मौके पर कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन के कार्यकर्ता शिवशक्ति कुमार, भीम चौधरी समेत कई लोग उपस्थित थे।