द फॉलोअप टीम, रांची:
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए लॉकडाउन की जो प्रक्रिया चल रही है, उससे बड़ी संख्या में छात्र, अभिभावक, व्यापारी व उनके कर्मचारी परेशान हैं। स्कूल व अन्य शिक्षण संस्थान ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे हैं। झारखंड में केस कम होने के साथ ही अनलॉक की प्रक्रिया पर चर्चा शुरू हो गयी है। हेमंत सोरेन ने भी सुझाव मांगा था।
बच्चों को कॉपी-किताब की काफी जरूरत
उन्होंने कहा कि बच्चों को किताबों, कॉपियों के साथ अन्य स्टेशनरी की जरूरत है। किताबें व स्टेशनरी की दुकानें नहीं खुलने के कारण उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है। ऑनलाइन पढ़ाई होने के कारण मोबाइल व लैपटॉप की भी जरूरत पड़ रही है। इसी प्रकार कपड़े की भी रोजाना लोगों को जरूरत पड़ती है। जूता-चप्पल, बर्तन, सैलून आदि का व्यापार भी चौपट हो रहा है। इन व्यवसायों से जुड़े लोगों व उनके कर्मचारियों के लिए भूख मरी की समस्या खड़ी हो रही है। इसका समाधान जरूरी है।
वैकल्पिक दिनों में खुलनी चाहिए दुकान
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया है कि सकारात्मक सोच दिखाते हुए इनकी भी चिंता करें। साथ ही सुझाव दिया है कि जिस प्रकार बिल्डिंग मैटेरियल से जुड़ी दुकानें खुल रही हैं, इन व्यवसाय से जुड़े प्रतिष्ठानों को भी सप्ताह में कम से कम दो दिन खोलने की दिशा में कार्य करें। सबसे बेहतर होता कि व्यापार को वर्गों में बांट कर दिवस निर्धारित कर सप्ताह में दो-दो या तीन-तीन दिन सभी प्रतिष्ठानों को खोलने की अनुमति दें। इससे बाजारों में भीड़ भी नियंत्रित रहेगी और इन व्यापारों से जुड़ें लोगों का भी परिवार चलता रहे। साथ ही लोगों की जरूरतें भी पूरी होती रहेगी।