द फॉलोअप टीम, जमशेदपुर:
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य में जेएमएम की सरकार है। अगर टाटा कुमिन्स को लेकर सत्ताधारी पार्टी के अंदर कुछ संदेह था, तो सीएम हेमंत सोरेन टाटा प्रबंधन से सीधे बात कर सकते थे। लेकिन इसकी जगह उनकी पार्टी ने टाटा कंपनी के खिलाफ आंदोलन किया। कंपनी का काम ठप कराया और टाटा को करोड़ों रुपये का नुकसान करा दिया। ऐसे माहौल में राज्य में निवेश कैसे होगा। उल्टा जो उद्योग धंधे यहां हैं, वो भी झारखंड छोड़ कर चले जाएंगे । इसका नुकसान झारखंड की आम जनता को ही होगा।
आजादी के पहले से मजदूरों के हित में काम कर रही है टाटा
रघुवर दास ने कहा कि जब देश आजाद भी नहीं हुआ था, तब जमशेदपुरजी ने उद्योग के माध्यम से देश की तरक्की का सपना देखा था। 1904 में टाटा ने अपनी कंपनी में मजदूरों के हित में लेबर लॉ बनाया । टाटा के बनाए लेबर लॉ को आजाद भारत की सरकार ने पूरे देश में लागू किया। आज झारखंड मुक्ति मोर्चा उसी कंपनी पर अनर्गल आरोप लगा रही है।
जो कंपनियां काम कर रही थी उसे भी बंद करा दिया
उन्होंने ने कहा कि हमारी सरकार के समय टेक्सटाइल्स सेक्टर में कई कंपनियां झारखंड में खुली थी। उनमें हजारों युवक-युवतियां काम करते थे, लेकिन हेमंत सरकार आने के बाद उन्हें बंद कर दिया गया है। ओरिएन्ट क्राफ्ट में तीन हजार बच्चियाँ काम करती थी, लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार ने उसे बंद करा दिया। इसी तरह किशोर टेक्सटाइल्स में करीब दो हजार बच्चियाँ काम करती थीं, उसे भी बंद करा दिया। हमने बहुत प्रयास कर करीब तीस हजार युवक-युवतियो को झारखंड के अलग-अलग कंपनियों में नौकरी दिलवाया था। आज एक बार फिर वे लोग चेन्नई में जाकर काम करने को मजबूर हुए हैं।
झारखंड सिर्फ सोरेन परिवार का नहीं
रघुवर दास ने कहा कि झामुमो को लगता होगा कि वो सरकार में आ गए हैं तो पूरा झारखंड उनका हो गया, लेकिन मैं उनको बता दूं कि यह राज्य यहां रहने वाले सवा तीन करोड़ जनता का है। सरकार को सिर्फ जनता की सेवा करनी है। सत्ता में चाहे कोई रहे, वो सिर्फ जनता का सेवक होता है। हेमंत सोरेन की सरकार में न निवेश आया, न ही रोजगार मिला। इनकी नीति शुरू से ही उद्योगों और उद्योगपतियों के खिलाफ रही है।