द फॉलोअप टीम, रांची:
विधायक बंधु तिर्की ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता एवं मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव को पत्र लिखा है। उन्होंने सिविल सर्जन हजारीबाग के निकाले गए विज्ञापन को रद्द करने की बात कही है। उन्होंने लिखा है कि संविदा के आधार पर 198 पदों में मात्र 4 पद आदिवासियों के लिए आरक्षित है। इस विज्ञापन को अविलंब रद्द किया जाए। बंधु तिर्की ने पत्र में कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन झारखंड के तहत जिला स्वास्थ्य समिति हजारीबाग के ने संविदा के आधार पर एएनएम, स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियन, प्रखंड डाटा प्रबंधक, काउंसलर, फार्मासिस्ट एवं अन्य पदों के लिए विज्ञापन निकाला है।
आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया!
योग्यता एवं अहर्ता रखने वाले अभ्यर्थियों से असैनिक शल्य चिकित्सा-सह-मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, हजारीबाग के विज्ञापन संख्या- 01/ 2021(डीएचएस हजारीबाग) के माध्यम से नियुक्ति हेतु आवेदन आमंत्रित किया गया था। आवेदन की अंतिम निर्धारित तिथि दिनांक 25.06.2021 में आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया है। झारखंड राज्य में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 26.30 प्रतिशत के विरुद्ध 198 पदों में केवल 4 पद अनुसूचित जनजाति के लिए सृजित किया जाना विभागीय लापरवाही एवं आदिवासी विरोधी मानसिकता है
आदिवासी अभ्यर्थी वंचित रह जाते हैं!
बंधु तिर्की ने कहा योग्यता एवं अहर्ता रखने वाले आदिवासी अभ्यर्थी नियुक्ति के लाभ से वंचित है। जिस कारण आदिवासी छात्रों में रोष है। इसलिए इस मामले में संज्ञान में लेते हुए विज्ञापन संख्या 01/2021 (डीएचएस, हजारीबाग) को निरस्त कर आरक्षण नियमों का पालन कराते हुए नए सिरे से विज्ञापन प्रकाशित करने का आदेश दिया जाए।