द फॉलोअप टीम, रांची:
सूबे के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी की पार्टी झाविमो में ही कभी पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की हुआ करते थे। यह कल की बात है। आज न झाविमो में है और न ही आदिवासीसमाज से आने वाले दोनों राजनेता। बाबूलाल भाजपा में हैंं। विस में नेता प्रतिपक्ष हैं, तो बंधु प्रदेश कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष हैं और गठबंधन सरकार में विधायक हैं। जिक्र इसलिए कि बाबूलाल ने बंधु पर रूपा तिर्की मामले में आदिवासी समुदाय को धोखा देने का आरोप लगाया है। उनके ओर से जारी प्रेस बयान में कहा गया है कि साहेबगंज में पदस्थापित आदिवासी महिला दरोगा रूपा तिर्की मौत मामले में रूपा के परिजनों को सीबीआई जांच की मांग छोड़ने के लिए कांग्रेस के विधायक बंधु तिर्की द्वारा प्रलोभन देने का ऑडियो और वीडियो सीबीआई को प्राप्त हुआ है। आदिवासी समाज की हितैषी की ढोंग रचने वाली पार्टी झामुमो और कांग्रेस का चेहरा राज्य की जनता के सामने दिख गया है। किस प्रकार से आदिवासी समाज की बेटी रूपा तिर्की मामले में राज्य सरकार केस की लीपापोती में लगी हुई थी।
भाजपा विधायकदल नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार में शामिल लोग किसी भी हाल में सीबीआई जांच कराने के पक्षधर नही रहे है, क्योंकि उन्हें पता था कि सीबीआई जांच होने से रूपा तिर्की की संदेहास्पद अवस्था मे हुई मौत का राज परत दर परत खुलने से उनके लोग फंसेंगे। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के साथ इस छलावा के लिए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विधायक बंधु तिर्की को इस प्रकरण के लिए कभी माफ नही करेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा शुरू से ही इस घटना पर सीबीआई जांच की मांग कर रही थी। आगे माननीय उच्च न्यायालय ने इसकी पुष्टि की।