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सोमवार से सहायक पुलिस बदलेंगे अपने आंदोलन की रूपरेखा, 21 दिनों में सरकार तक नहीं पहुंचा पाये अपनी बात

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द फॉलोअप टीम, रांची:
12 जिलों से आये 2,500 सहायक पुलिसकर्मी अपनी सीधी नियुक्ति को लेकर धरने पर बैठे हैं। सरकार ने अबतक इनकी मांग पर कोई निर्णय नहीं लिया है। लिहाजा अब इनका कहना है कि सोमवार से इनके आंदोलन की रूपरेखा बदलेगी। सहायक पुलिसकर्मियों का कहना है कि मोरहाबादी मैदान से अगर बात सरकार तक नहीं पहुंच पा रही है तो हम सरकार के और करीब जाकर आंदोलन करेंगे ताकि हमारी आवाज सीधे उन्हे कानो तक पहुंचे। 

21 दिनों से मांग को लेकर आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मी 
पिछले 21 दिनों से मोरहाबादी मैदान में धरने पर बैठे सहायक पुलिसकर्मी का कहना है कि सरकार हमारे समायोजन को लेकर गंभीर नहीं है। पिछले चार सालों से हम आधे पेट खाकर राज्य की सेवा कर रहे हैं, लेकिन फिर भी सरकार अपना वादा पूरा नहीं कर रही है। ये हमारा हक है । राज्य में एक लाख से भी अधिक पुलिसकर्मियों का पद खाली है सरकार चाहे तो हम सभी का समायोजन कर सकती है।  धरने पर बैठीं महिलाओं ने कहा कि सरकार को हमारी बात मान लेनी चाहिए, क्योंकि पिछले 4 वर्षों से हम लोग झारखंड के विभिन्न जंगली और पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षा देने का काम कर रहे हैं। सिर्फ झारखंड ही नहीं बल्कि राज्य के बाहर भी हम सहायक पुलिस कर्मियों से काम लिया जाता है। उसके बावजूद हमारे वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं हो रही है और ना ही हमें किसी प्रकार की सुविधा या भत्ता मिल रहा है। धरने पर बैठे पुलिसकर्मियों ने कहा कि सरकार को हमारी मांगों पर विचार करनी चाहिए। सरकार को समझना चाहिए कि जब हम आम पुलिसकर्मियों की तरह सेवा दे रहे हैं तो फिर वेतन में असमानताएं क्यों है। 

 

जवान जान दे देते हैं पिछे नहीं हटते
आंदोलन की अवधी को लेकर जब हमने उनसे सवाल किया तो उन्होने कहा कि ये आंदोलन अपने अंजाम तक पहुंचने तक जारी रहेगा । महिला पुलिसकर्मियों ने कहा हमे कमजोर ना समझे हम वे जवान हैं जो अपनी जान दे देते हैं लेकिन पिछले नहीं हटते, हमे लाख परेशानी हो रही हो लेकिन हम आंदलोन से पिछे नहीं हटने वाले।