द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
जब रविशंकर प्रसाद संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री थे, तो ट्विटर से तूतू-मेंमेंं दुनिया भर मे देखी और सुनी गई थी। कहा जा रहा है कि ट्विटर से हुए विवाद के कारण ही रविशंकर प्रसाद को मंत्री पद से हटना पड़ा है। खैर यह तो रही कल तक की बात। अब देश के नए आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव बनाए गए हैं। बुधवार को कैबिनेट विस्तार में उन्होंने भी शपथ ली थी। जिन लोगों की मंत्री पद से छुट्टी कर दी गयी, उनमें एक बड़ा नाम रविशंकर प्रसाद का भी है। वहीं नए मंत्रियों में अश्विनी वैष्णव भी शामिल हैं। उनके हीताजा बयान से लगता है कि ट्विटर विवाद अभी थमा नहीं है।
हर किसी को क़ानून का पालन करना होगा
अश्विनी वैष्णव ने पदभार ग्रहण करते ही पहला बयान क़ानून को लेकर दिया। उन्होंने कहा कि देश का कानून यहां रहने वाले और काम करने वाले हर किसी को मानना होगा। उन्होंने यह बातें तब कही जब उनसे ट्विटर के बारे में सवाल किया गया। उन्होंने गुरूवार को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में अपना पदभार ग्रहण किया। उन्हें आईटी के साथ-साथ रेल मंत्रालय की भी जिम्मेदारी मिली है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आभार जताया। वह वर्तमान में ओडिसा के सांसद है।
ट्विटर विवाद में रह रहा लगातार
ट्विटर लगातार विवादों में घिरता जा रहा है। बता दें कि नये आईटी नियमों को मानने में ट्विटर आनाकानी कर रहा है। सरकार की तरफ से जब सख्त एक्शन लिया गया तो ट्विटर ने एक शिकायत पदाधिकारी को रखा था लेकिन उसने भी कुछ ही डिओन में पद छोड़ दिया। तब से यह पद खाली ही है। ट्विटर ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि उसे एक भारतीय नागरिक शिकायत अधिकारी को रखने के लिए आठ सप्ताह समय की जरूरत है। जो नये कानून के प्रावधानों में से एक है। ट्विटर ने यह भी बताया कि वह आईटी नियमों को मानने के लिए भारत में एक संपर्क कार्यालय स्थापित करने की प्रक्रिया में है। जो उनका स्थायी संपर्क कार्यालय होगा।