राजगीर
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आज कहा कि बिहार, जो कभी अपने ज्ञान और दर्शन के लिए पूरी दुनिया को राह दिखाता था, अब "देश की क्राइम कैपिटल" बन गया है। राजगीर में आयोजित 'संविधान सुरक्षा सम्मेलन' को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "बिहार कभी सत्य, न्याय और अहिंसा की भूमि माना जाता था। पूरी दुनिया से लोग नालंदा विश्वविद्यालय में पढ़ने आते थे। लेकिन आज स्थिति पूरी तरह बदल गई है।" उन्होंने कहा कि बिहार के लोग आज रोजगार की तलाश में देशभर और विदेशों तक पलायन करने को मजबूर हैं क्योंकि राज्य में रोजगार के अवसर नहीं हैं।
राहुल गांधी ने जातीय जनगणना और 50% आरक्षण की सीमा हटाने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि ये दोनों कदम देश में विकास की दिशा और सोच को पूरी तरह बदल देंगे।
उन्होंने कहा, “राजनीति में आने के बाद मैंने महसूस किया कि देश की 90% आबादी का किसी भी क्षेत्र में ठोस प्रतिनिधित्व नहीं है। पिछड़े वर्ग, दलित, आदिवासी और अति-पिछड़ा समुदाय – इनका कॉरपोरेट, न्यायपालिका, नौकरशाही, निजी अस्पतालों और संस्थानों में कोई वास्तविक प्रतिनिधित्व नहीं है।”
इसके उलट, उन्होंने कहा, इन्हीं 90% लोगों को मनरेगा और गिग इकोनॉमी के श्रमिकों के रूप में देखा जा सकता है। "आपके पास देश की पीड़ा और तकलीफ में 90% हिस्सेदारी है, लेकिन संसाधनों में सिर्फ 5%," उन्होंने तीखे शब्दों में कहा। राहुल गांधी ने बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये संगठन ज़रा से दबाव में झुक जाते हैं और आत्मसमर्पण कर देते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने संसद में प्रधानमंत्री मोदी से स्पष्ट कह दिया था कि जातीय जनगणना कराई जाएगी।
उन्होंने पीएम मोदी के "देश में कोई जाति नहीं है" वाले बयान पर तंज कसते हुए कहा, "अगर जाति नहीं है, तो चुनाव के समय मोदी जी ओबीसी कैसे बन जाते हैं?"
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने दबाव में आकर जातीय जनगणना की मंजूरी तो दी, लेकिन उन्होंने शंका जताई कि यह सही तरीके से की जाएगी या नहीं। उन्होंने तेलंगाना मॉडल का उदाहरण दिया, जहां तीन लाख लोगों ने मिलकर प्रश्न तैयार किए, जबकि बीजेपी के मॉडल में कुछ अफसर बंद कमरों में सवाल तय करते हैं और 90% आबादी की कोई भागीदारी नहीं होती।
राहुल गांधी ने 50% आरक्षण की सीमा तोड़ने का भी फिर से वादा किया। उन्होंने सवाल उठाया, "अगर वंचित तबकों की आबादी 90% है, तो आरक्षण सिर्फ 50% तक क्यों सीमित है?" उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार ने इस सीमा को तोड़ा है और जहां भी कांग्रेस की सरकार बनेगी, वहां यह सीमा हटाई जाएगी।
संविधान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “यह केवल 75 साल पुरानी किताब नहीं है, बल्कि हजारों साल पुरानी विचारधारा और दर्शन का निचोड़ है। इसमें भगवान शिव, बुद्ध, गांधी, अंबेडकर, पेरियार, नारायण गुरु और बसवन्ना जैसे विचारकों की सोच समाहित है।” उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना केवल एक्स-रे नहीं बल्कि एक एमआरआई होगी, जिससे विकास की नई दृष्टि सामने आएगी। उन्होंने कहा, "शुरुआत बिहार से होगी। आप हजारों साल से यह करते आ रहे हैं – यह आपके डीएनए में है।”