logo

48 लाख के अवैध निकासी मामले में दो दिन बाद आया अंबा प्रसाद का बयान, कहा - मेरे ऊपर लगे आरोप साजिश का हिस्सा

8619news.jpg
द फॉलोअप टीम, रांची : 
विनोवा भावे के शासी निकाय से 48 लाख रुपये निकासी मामले में एफआईआर के दो दिनों बाद विधायक अंबा प्रसाद ने सफाई दी है। प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उन्होंने आरोप का खंडन किया है और कहा है कि यह सब साजिश के तहत किया जा रहा है। उन्होंने कहा "महाविद्यालय को लेकर मुझपर आरोप लगाए गए हैं, उसे लेकर मैं थोड़ी भी अचंभित नहीं हूँ। जिस ढंग से मैं महाविद्यालय को अपनी संपत्ति समझने वालों के क्रियाकलापों पर सवाल खड़े कर रही थी, मुझे पता था कि अकुलाहट में ये धनलोलुप लोग कुछ ऐसा ही करेंगे।"
बता दें कि बड़कागांव थाने में अंबा प्रसाद सहित 11 लोगों पर 48 लाख के अवैध निकासी मामले में कोर्ट के आदेश के बाद एफआईआर दर्ज की गई है। मामला विनोवा भावे विवि के शासी निकाय से अवैध निकासी का है। 

जिनका काम ज्ञान देना, वे कॉलेज को पारिवारिक संपत्ति बनाने पर तुले हैं 
अंबा प्रसाद ने कहा कि कॉलेज में पढ़ाई ठीक से नहीं होती। पानी, शौचालय जैसी सामान्य सुविधाएं भी विद्यार्थियों को ठीक से नहीं मिल पाता है। अन्य व्यवस्थाओं जैसे कि उत्तम अध्यापक, लाइब्रेरी आदि की भी यही स्थिति है। बिना किसी का नाम लिये उन्होंने कहा कि जिनका काम विद्या देने का था, वे राजनीति कर रहे हैं। कॉलेज को पारिवारिक संपत्ति बनाने पे तुले हुए हैं और ऐसा वे होने नहीं देंगी। 

मेरे ऊपर लगे आरोप नहीं टिगेंगे  
अंबा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया और कहा कि वे नहीं टिकेंगे। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा ही विधिवत राशि खर्च किया जा सकता है, जिसमे सालाना महाविद्यालय में सभी शिक्षक एवं शिक्षकेतर अन्य कार्य के लिए पैसा महाविद्यालय व्यय करता है। इस वित्तीय प्रक्रिया में विधायक का कोई किरदार नहीं, आरोप गैर कानूनी और साजिश का हिस्सा है।

सराकर को लिखेंगी गहन जांच के लिए पत्र 
अंबा प्रसाद इस मामले की गहन जांच के लिए खुद ही एक पत्र लिखेंगी। उन्होंने एफआईआर की सूचना मिलने के बाद महाविद्यालय प्रबंधन से बात की है और आय-व्यय से संबंधित पंजी की छाया प्रति की मांग की है। अंबा का कहना है कि वे खुद इस मामले की पर्दाफाश करना चाहती हैं।