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Jharkhand Budget 2021: बजट से क्या थी उम्मीदें, जानें क्या रहा खास! पढ़िए पूरी रिपोर्ट

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द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड की हेमंत सरकार ने अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया। कोरोना महामारी के बीच हेमंत सरकार के बजट से राज्य के लोगों को काफी उम्मीदें थीं। इस रिपोर्ट में जानते हैं कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए पेश किये गए बजट की मुख्य बातें क्या थीं। सरकार ने किस-किस सेक्टर में खर्च किया है। 

कुल 91 हजार 270 करोड़ रुपये का बजट
वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने कुल 91 हजार 270 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। हेमंत सरकार ने इस बजट में ग्रामीण आबादी पर फोकस किया। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बजट में 18 हजार 653 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। ये जारी वित्तीय वर्ष की तुलना में 11 फीसदी ज्यादा है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास के तहत सरकार ने ग्रामीण विकास विभाग, जल संसाधन विभाग, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग को संयुक्त रूप से शामिल किया है। 

ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए क्या है खास
वित्तमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए प्रत्येक प्रमंडल में गौ मुक्तिधाम की स्थापना की जायेगकी। साथ ही किसानों को 1 जोड़ी बैल दिया जायेगा। मुर्गी पालन, मतस्य पालन, बत्तख पालन  और डेयरी उद्योग के जरिये युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जायेगा।  सरकार ने मनरेगा मजदूरी दर भी 31 रूपये बढ़ा दिया है। मनरेगा मजूदरों को अब 194 रुपये के बदले 225 रुपये का भुगतान किया जायेगा। सखी मंडल को मजबूत बनाकर ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाएगा ताकि उनमें भी आर्थिक संपन्नता आये। किसान समृद्धि योजना के तहत इस वित्तीय वर्ष में 4 हजार 583 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। 

आर्थिक-सामाजिक विकास के लिए प्रावधान
हेमंत सरकार ने आर्थिक प्रक्षेत्र के लिए कुल 30 हजार 917 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। सरकार ने सामान्य प्रक्षेत्र के लिए 26 हजार 734 करोड़ रुपये तो वहीं सामाजिक प्रक्षेत्र के लिए 33 हजार 625 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। हेमंत सोरेन सरकार ने बजट में कई नई योजनाओं की भी घोषणा की है।  मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग तथा दिव्यांग युवाओं को स्वरोजगार के लिए लोन की राशि का 40 फीसदी या अधिकतम पांच लाख रुपये का अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। 

सामाजिक न्याय के लिए क्या हैं प्रावधान
सार्वभौमिक पेंशन योजना के तहत बुजुर्ग, दिव्यांग, अनाथ और विधवाओं को पेंशन के जरिये आर्थिक मदद दी जायेगी। झारखंड खुला विश्वविद्यालय योजना के तहत सरकार वित्तीय वर्ष 2021-22 में झारखंड ओपन यूनिवर्सिटी की स्थापना करेगी। इसके तहत झारखंड के सुदूर और ग्रामीण इलाके में लोगों को उच्च शिक्षा देने की व्यवस्था की जायेगी। झारखंड असगंठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में डेढ़ लाख श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन किया जायेगा। 

झारखंड बजट की अन्य महत्वपूर्ण बातें जानें
मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ दिया जायेगा। इसके तहत मजदूरों को असगंठित कर्मकार मृत्यु या दुर्घटना सहायता योजना, अंत्येष्टि सहायता योजना, असंगठित कर्मकारों के बच्चों के लिए मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना,कौशल उन्नयन योजना औऱ चिकित्सा सहायता योजना का लाभ दिया जायेगा। वित्तीय वर्ष 2021-22 में हेमंत सोरेन सरकार मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना भी लागू करेगी। 

समेकित बिरसा कृषि ग्राम योजना के तहत हर जिले में बिरसा किसान सर्विस सेंटर की स्थापना की जायेगी। कृषकों को बाजार उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिए बजट में 61 करोड़ रुपये के फंड प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जगह एक नई फसल राहत योजना शुरू की जायेगी। इसके लिए बजट में 50 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है। 

प्रत्येक प्रखंड में सोलर संचालित डीप बोरिंग करके सिंचाई की जायेगी। इसके लिए 2145.86 करोड़ रुपये का फंड प्रस्तावित है। सरकारी क्षेत्र में उद्यानिकी खेती और शहरी क्षेत्र में खाली पड़ी जमीन पर गृह वाटिका विकसित की जायेगी। फल और सब्जियां उगाई जायेंगी। राज्य को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए ऐसा किया जायेगा। 

फूलो झानो योजना के तहत ग्रामीण आदिवासी महिलाओं को हड़िया दारू निर्माण कार्य से हटाकर अजीविका के बेहतर साधन से जोड़ा जायेगा। महिलाओं को आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक योजना से भी जोड़ा जायेगा। बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत 26 हजार एकड़ में फलदार पेड़ लगाये जाएंगे।