द फॉलोअप टीम, रांची:
अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) के बैनर तले राजभवन के समक्ष छात्रवृति पोर्टल खोलने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन हुआ। आजसू ने अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे छात्रवृति अधिकार मंच के समर्थन में धरना दिया। आजसू ने धरना के बाद मामले से संबंधित ज्ञापन राज्यपाल सचिवालय को सौपा। इस दौरान अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) के प्रदेश उपाध्यक्ष नीरज वर्मा ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के हठधारी नीतियों के कारण राज्य के भविष्य एवं भावी शिक्षकों के साथ अन्याय हो रहा है। हजारों छात्र छात्राएं सत्र 2020-21 के छात्रवृति आवेदन से वंचित रह गए हैं। आजसू ने कई बार यह मांग उठाई है कि फिर से सत्र 2020-21 का छात्रवृति पोर्टल खोला जाए ताकि छात्र छात्राएं अपने पढ़ाई को पूर्ण कर सकें।
आमरण अनशन पर विद्यार्थी
प्रदेश सचिव सह राँची जिला सह प्रभारी चेतन प्रकाश ने कहा कि छात्र-छात्राओं को अनिवार्य रूप से छात्रवृति की आवश्यकता है। जिससे वो अपनी पढ़ाई को पूर्ण कर सकें। बी.एड सहित विभिन्न प्रोफेशनल व वोकेशनल कोर्स (सत्र 2020-21) के छात्रवृत्ति से वंचित विद्यार्थि राजभवन के समक्ष धरना दे रहे हैं। विभिन्न जिलों से आये विद्यार्थी मजबूर होकर सरकार के छात्र विरोधी नीतियों एवं अपने हक अधिकार रूपी छात्रवृति के लिए राजभवन के समक्ष आमरण अनशन पर बैठ गये। इस क्रम में कई छात्रों की तबियत भी बिगड़ गयी है।
छात्र-छात्राओं के प्रति संवेदनहीन सरकार
विश्वविद्यालय अध्यक्ष नीतीश सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों के मांग को अनदेखा कर सरकार ने 2021-2022 सत्र के विद्यार्थियों के लिए पोर्टल खोल दिया है। जबकि, किसी भी विवि व संस्थान में उक्त सत्र के लिए नामांकन प्रक्रिया भी अभी तक शुरू नहीं हुई है। राज्य सरकार छात्र- छात्राओं, युवाओं के प्रति संवेदनहीन है। आजसू राज्यपाल महोदय से आग्रह करती है कि हजारों छात्र छात्राओं के भविष्य को सुरक्षित करने हेतु मामले में हस्तक्षेप करें एवं सत्र 2020-21 के छात्रवृति आवेदन पोर्टल को खुलावने की कृपा करें।