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बयानों में तीसरी बार कृषि मंत्री ने माफ किया किसानों का कर्ज

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कृषि मंत्री ने पहले 50 हजार, फिर 25 हजार और अब शुक्रवार को फिर से 50 हजार रुपये ऋण माफी की बात कही है। उन्होंने कहा है कि ऋण माफी की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। 

विवेक आर्यन, रांची 
राज्य के किसान कर्ज माफी का इंतजार एक साल से कर रहे हैं। इस बीच कई बार सराकर द्वारा कर्ज माफी का आश्वासन दिया गया, लेकिन अभी तक हो नहीं सका। कृषि कानून के विरोध के दौरान राज्य में कृषि ऋण माफ करने का मुद्दा उठा तो फिर से सरकार आश्वासन दे रही है। कृषि मंत्री बादल पत्रलेख इससे पहले ऋण माफी को लेकर तीन बार अपना बयान बदल चुके हैं। उन्होंने पहले 50 हजार, फिर 25 हजार और अब शुक्रवार को फिर से 50 हजार रुपये ऋण माफी की बात कही है। उन्होंने कहा है कि ऋण माफी की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। हालांकि इसे लेकर क्या तैयारियां हुई है, यह नहीं कहा गया है। 

बैंकों से मांगा गया है डाटा 
8 दिसंबर को द फॉलोअप से बात करते हुए बादल पत्रलेख ने कहा था कि ऋण माफी को लेकर बैंकों से डाटा मांगा गया है। बैंक जैसे ही डाटा देती है, किसानों का ऋण माफ कर दिया जाएगा। अभी तक ऋण माफ नहीं होने के पीछे कोरोना को कारण बताया गया है। इधर विपक्ष इस बात को लेकर हमलावर है कि केंद्र के खिलाफ किसानों के समर्थन में आई सरकार राज्य में किसानों का कर्ज माफ करने का दावा करके भी भूल गई है। 

17 लाख किसानों को है कर्ज माफी का इंतजार  
झारखंड में 17 लाख 84 हजार से अधिक किसानों को कर्ज माफी का इंतजार है। इनपर कुल 7 हजार 61 करोड़ रुपये का कर्ज है। यानी हर किसान पर औसतन 39580 रुपये का कर्ज है। लेकिन इन किसानों किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए बैंकों से लोन लिया है, लेकिन वे चुका नहीं सके। सरकार ने अपने घोषणापत्र में कर्ज माफी का जिक्र किया था। लेकिन इस प्रक्रिया में देरी के साथ एक और पेंच भी है, जो सरकार के गले की फांस बन सकती है। 

दो हजार करोड़ से नहीं हो सकेगा कर्ज माफ 
राज्य सरकार ने किसानों की कर्ज माफी के लिए सिर्फ 2000 करोड़ का प्रवधान किया है। जबकि किसानों पर कुल कर्ज 7 हजार 61 करोड़ का है। ऐसे में यदि सराकर कर्ज माफी करती भी है तो 2000 करोड़ रुपये में सिर्फ 3.5 से 4 लाख किसानों का ही कर्ज माफ हो सकेगा। यानी सरकार द्वारा ऋण माफी करने के बाद भी लगभग 13 लाख किसान कर्ज के नीचे दबे रहेंगे। इसका सरकार के पास फिलहाल कोई जवाब नहीं है।

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