द फॉलोअप टीम, रांची:
लोकतंत्र में जनता का हित सर्वोपरि होता है। सरकार का लक्ष्य होना चाहिए कि वह जनता की उम्मीदों और आकांक्षाओं पर खरा उतरे। राज्यपाल रमेश बैस ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार के 2 वर्ष पूरे होने के अवसर पर रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने मुख्यमंत्री को दूसरी वर्षगांठ की बधाई देते हुए कहा कि सरकार आम जनता के कल्याण के लिए लगातार कोशिश कर रही है।
राज्यपाल ने हेमंत सरकार की सराहना की
राज्यपाल रमेश बैस ने कोरोना काल में सरकार द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। राजपाल ने शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य क्षेत्रों में सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर खुशी जाहिर की। उन्होंने शासन में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए चलाए गए आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम को कारगर कदम बताया। राज्यपाल ने उम्मीद जताई कि यह सरकार भविष्य में भी समाज के सभी वर्ग और तबके के हित में कार्य करती रहेगी। उन्होंने प्रयासों की सराहना की।
राशनकार्ड धारकों को पेट्रोल के लिए 25 रुपया
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरकार की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित राज्य-स्तरीय समारोह में राज्य वासियों को कई सौगातें दी। उन्होंने कहा कि आज पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। इसका बुरा असर गरीब एवं मध्यम वर्ग के परिवारों को हुआ है। एक गरीब व्यक्ति घर में मोटरसाइकिल होते हुए भी पेट्रोल के पैसे नहीं रहने के कारण उसको चला नहीं पा रहा है।
सीएम ने कहा कि गरीब अपनी फसल बेचने बाजार नहीं जा पा रहा है। मैंने निर्णय लिया है कि वैसे राशन कार्डधारी यदि अपने मोटरसाइकिल या स्कूटर में पेट्रोल भरातें हैं तो 25 रुपए प्रति लीटर की दर से राशि उनके बैंक खाते में ट्रांसफर करेंगे। यह व्यवस्था अगले वर्ष 26 जनवरी से लागू करने जा रहे हैं। एक गरीब परिवार प्रतिमाह 10 लीटर पेट्रोल तक यह राशि प्राप्त कर सकता है।
छात्र-छात्राओं के लिए स्टूडेंट्ड क्रेडिट कार्ड योजना बहुत जल्द
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य के छात्र-छात्राओं के लिए स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड योजना लागू करने की घोषणा की। कहा कि जल्द ही राज्य के विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ मिलेगा। शिक्षा के लिए पैसे की कमी कभी बाधा नहीं बनेगी। स्टूडेट्स क्रेडिट योजना उनके बेहतर शिक्षा के सपनों का सार्थक करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड राज्य आंदोलन की उपज है। कई लोगों ने इस राज्य के लिए अपनी शहादत दी। हमारी सरकार ऐसे आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सम्मान के साथ पेंशन तो दे ही रही है। अब उन्हें सरकारी नौकरियों में 5 प्रतिशत क्षैतिज आऱक्षण मिलेगा।
विदेश में पढ़ाई के लिए बढ़ेगा छात्रवृत्ति योजना का दायरा
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए शत प्रतिशत छात्रवृति दे रही है। इस वर्ष इस योजना के तहत छह विद्यार्थियों को विदेशों में पढ़ाई के लिए चयनित किय़ा गया है। अब राज्य सरकार इस स्कॉलरशिप योजना का दायरा बढ़ाने की दिशा में भी काम कर रही है। अन्य वर्ग के होनहार विद्यार्थियों को भी विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए स्कॉलरशिप योजना से जोड़ा जाएगा।
राज्य में ओल्ड पेंशन स्किम की मांग पर होगा विचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के कर्मियों द्वारा लंबे अर्से से ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की मांग की जा रही है। सरकार उनकी इस मांग पर विचार कर रही है और जल्द ही विधि-सम्मत निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के कई विभागों में हजारों की संख्या में अनुबंधकर्मी कार्यरत है। वे अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर लगातार आंदोलन करते रहते हैं। उनकी मांगें सरकार के संज्ञान में है, लेकिन, समस्याओं का समाधान आंदोलन और धरना प्रदर्शन से नहीं होगा। आप हमें सहयोग करें। वार्ता के लिए आगे आएं। हम आपकी मांग पर यथोचित निर्णय लेंगे, ताकि सभी के सहयोग से राज्य को विकास के पथ पर आगे ले जा सकें।
प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के गरीब विद्यार्थियों को भी बेहतर और गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिले। इस दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है। इसी वजह से अगले सेशन से कई सरकारी विद्यालयों में निजी स्कूलों की तर्ज पर पढ़ाई शुरू करने का निर्णय सरकार ने लिया है। यहां विद्यार्थियों को शिक्षा से संबंधित सभी जरूरी एवं मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
सहयोग से सरकार ने सफलतापूर्वक पूरे किए हैं 2 साल
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य वासियों के सहयोग से हमारी सरकार ने सफलतापूर्वक 2 साल पूरे किए हैं। ये 2 साल ना सिर्फ झारखंड बल्कि पूरी दुनिया के लिए चुनौतीपूर्ण रहे हैं। कोरोना महामारी के कारण पूरी दुनिया की व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई। लॉकडाउन लगा और लोग अपने घरों में कैद होने को मजबूर हो गए। लोगों के सामने जीवन औऱ जीविका का संकट पैदा हो गया। ऐसे हालात में लोगों को कैसे राहत मिले, इसे लेकर सरकार लगातार मंथन करती रही।
जब हालात थोड़े बेहतर हुए तो पूरी सतर्कता के साथ सरकार ने अपनी योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम शुरू किया, ताकि लोगों के जीवन और जीविका पर जो संकट आया था, उसका समाधान हो सके। इसमें हमारी सरकार की योजनाएं काफी कारगर रही. हालांकि, कोरोना का खतरा अभी भी बरकरार है। पूरी सावधानी के साथ विकास कार्यक्रमों को गति देने का काम चल रहा है।
कार्यकाल के 2 वर्षो में करीब 30 योजना का क्रियान्वयन
मुख्यमंत्री ने कहा का पिछले 2 वर्षों में सरकार द्वारा 28-30 योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया है। शहर से लेकर गांव में अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्तिय़ों को लाभ दिलाने की दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है। पहले जहां सुदूरवर्ती गांवों में अधिकारी नहीं जाते थे. योजनाएं नहीं पहुंच पाती थी, लेकिन हमारी सरकार ने आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम चलाया। ना सिर्फ आपके दरवाजे पर सरकारी महकमा पहुंच रहा है, बल्कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से उन्हें जोड़ने के साथ उनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। यह जनता की सरकार है। जनता की उम्मीदों और आंकाक्षाओं को पूरा कर रहे हैं। हमारी सरकार पर आपने 2 सालों तक विश्वास किया है। आगे भी ऐसा ही विश्वास बनाए रखें.
भविष्य की जरूरतों के हिसाब से बन रही कार्ययोजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को आगे ले जाने की दिशा में सरकार लगातार प्रयत्नशील है। हमारी सरकार ना सिर्फ वर्तमान बल्कि अगले 25 से 30 सालों की जरूरतों को ध्यान में रखकर कार्य योजना बना रही है। भविष्य की जरूरतें सरकार के ध्यान में है। ऐसे में हमारी जो भी योजना लागू हो रही है, उसका दूरगामी प्रभाव देखने को मिलेगा। वो दिन दूर नहीं जब झारखंड एक सक्षम और सशक्त राज्य के रुप में पहचान स्थापित करेगा और अन्य राज्यों को सहयोग करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
खनिजों के अलावे अन्य क्षेत्रों में काफी संभावनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि आमतौर पर झारखंड राज्य की पहचान खनिज संसाधनों के लिए होती है. लेकिन, यहां पर्यटन और खेल समेत कई अन्य क्षेत्रों में भी काफी संभावनाएं हैं। ऐसे में राज्य के पर्यटक स्थलों को विकसित करने के लिए नई पर्यटन नीति बनाई गई है। पर्यटन स्थलों पर मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है। वहीं खेल और खिलाडियों के लिए भी सरकार ने कई नीति बनाई है। खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति हो रही है और खेल प्रतिभाओं को उभारने के लिए प्रशिक्षण के साथ विभिन्न प्रतियोगिताओं का लगातार आयोजन किया जा रहा है। इसका दूरगामी प्रभाव दिखेगा।
आंतरिक संसाधनों को बढाने की कवायद जारी
हमारी सरकार ईमानदार सोच, विजन और बेहतर प्रबंधन के साथ आंतरिक संसाधनों को बढ़ाने का लगातार प्रयास कर रही है। राज्य के किसानों की आय में बढ़ोत्तरी के लिए सरकार लगातार प्रयत्नशील है। आज समेकित बिरसा ग्राम विकास योजना सह किसान पाठशाला का शुभारंभ किया गया। पहले चरण में 17 किसान पाठशाला खोले जाएंगे, जबकि आने वाले तीन सालों में इसकी संख्या को बढ़ाकर एक सौ करने की योजना है। महिलाओं को एनीमिया और बच्चों को कुपोषण की समस्या से निजात दिलाना सरकार की विशेष प्राथमिकता है। इसी संदर्भ में आज 1 हजार दिनों का विशेष समर अभियान शुरू करने का मुख्यमंत्री ने ऐलान किया।
राज्य में 12वीं पास विद्यार्थियों को आईटी की ट्रेनिंग देने के लिए श्रम विभाग और एचसीएल टेक्नोलॉजी के बीच आज एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। इसके तहत यहां के इंटर पास विद्यार्थियों को एचसीएल कंपनी के द्वारा प्लेसमेंट लिंक्ड ट्रेनिंग प्रोगाम से जोड़ा जाएगा और प्लेसमेंट की भी व्यवस्था की जाएगी।
वनोत्पादों को बाजार उपलब्ध कराया जायेगा
झारखंड आदिवासी बाहुल्य राज्य है। यहां की एक बड़ी आबादी अपनी जीविका के लिए वनोत्पादों पर निर्भर है। ऐसे में सरकार ने वनोत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में नीति बनाई है। इसी के तहत आज वन विभाग, कल्याण विभाग और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के बीच त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया गया। इससे यहां के वन उपज को व्यवसायिक बाजार उपलब्ध कराने में सहूलियत होगी।
मीडियाकर्मियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य के पत्रकारों के लिए पत्रकार स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने की घोषणा की। इस योजना के तहत उन्हें पांच लाख रुपए तक का बीमा कवर मिलेगा। मीडिया कर्मियों के साथ उनके परिजनों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
कई योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 17,222.02 करोड़ रुपए की 1454 योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास किया। इसमें 2965.22 करोड़ रुपए की 20 राज्यस्तरीय और 10770.88 करोड़ रुपए की अन्य 1014 योजनाओं का शिलान्यास किया। इस तरह शिलान्यास किए जाने वाले योजनाओं की कुल लागत 13,736.1 करोड़ रुपए है। वहीं, 1287.51 करोड़ रुपए की लागत से 20 राज्यस्तरीय और 2198.41 करोड़ रुपए की लागत से 400 योजनाओं का उद्घाटन हुआ। इसके अलावा 1493.38 रुपए की परिसंपत्तियों का वितरण लाभुकों के बीच किया गया। वहीं, कई नव चयनित अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री के द्वारा नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया।