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दुनिया को अलविदा कहते हुए भी पुनित राजकुमार चार लोगों की जिंदगी कर गये रौशन, आंखें दान करने का लिया था संकल्प 

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द फॉलोअप टीम, बेंगलुरु:

समाज के लिए बेहतरीन काम को अंजाम देने वाले पुनित राजकुमार ने भले ही दुनिया को अलविदा कह दिया लेकिन अपने परोपकारी काम-काजों की वजह से हमेशा सबके दिल में जिंदा रहेंगे। दुनिया से जाने के बाद भी पुनित चार लोगों का भला कर गये हैं। उनके आंखों से चार लोगों की जिंदगी फिर रौशन हो गयी है। पुनीत ने अपनी आंखें दान करने का संकल्प लिया था इसलिए उनके निधन के बाद इसे पूरा किया गया। पुनीत की आंखों को नारायण नेत्रालय​आई हॉस्पिटल को दान कर दिया गया था। 

दो आंखों से रोशन हुईं चार आंखें
नारायण नेत्रालय के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. भुजंग शेट्टी ने बताया कि पुनित के कॉर्निया की मुख्य और गहरी परत को अलग किया। हर आंख का इस्तेमाल दो लोगों पर किया गया। जिनमें एक महिला और तीन पुरुष शामिल थे।
समाज सेवा से हमेशा जुड़े रहें। 46 साल के जीवनकाल में पुनीत समाजसेवा करने में हमेशा अव्वल रहे हैं। वे अपने धर्म के खिलाफ कुछ नहीं सुन पाते थे। कोरोना काल में उन्होने ने CM रिलीफ फंड में 50 लाख रुपए डोनेट किए थे। पुनीत ने 45 स्कूल, 26 अनाथालय, 16 वृद्घाश्रम, 19 गोशाला और 1800 अनाथ लड़कियों की हायर एजुकेशन की जिम्मेदारी उठाई थी। पुनीत के जाने के बाद एक्टर विशाल ने घोषणा की है कि अनाथ लड़कियों के एजुकेशन की जिम्मेदारी वे उठाएंगे।

हार्टअटैक से हुआ निधन
गौरतलब है कि पुनीत राजकुमार का जिम में वर्कआउट के दौरान हार्टअटैक से 29 अक्टूबर को निधन हो गया था। उन्हे तुरंत बेंगलुरु के विक्रम अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। पुनीत के निधन के बाद राज्य के सभी थिएटर बंद कर दिए गए और कई इलाकों में धारा 144 लागू की गई थी। बता दें कि पुनीत के पिता ने भी अपनी आंखें दान की थीं।