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पश्चिमी सिंहभूम में सामने आया जबरन धर्म परिवर्तन का मामला, ग्रामीणों ने पुलिस से की शिकायत

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द फॉलोअप टीम, पश्चिमी सिंहभूम: 

भारत में जबरन धर्म परिवर्तन का मुद्दा कोई नया नहीं है। इसे लेकर पहले में भी विवाद होते रहे है। साल 2014 में केंद्र में बीजेपी की सरकार सत्ता में आते ही पूरे देश में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए एक नए कानून लाने की पेशकश भी की थी। हालांकि इतना वर्ष बीतने के बाद भी जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने को लेकर एक नए कानून पर बात नहीं बन पाई।
 
छह राज्यों में धर्म परिवर्तन को लेकर कानून
बहरहाल, भारत में फिलहाल 6 राज्य ऐसे हैं जहां धर्म परिवर्तन के खिलाफ अपने स्तर पर अलग कानून हैं। ये राज्य गुजरात, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश और हिमाचल प्रदेश हैं। तमिलनाडु में भी यह क़ानून था. मगर वर्ष 2004 में इसे ख़त्म कर दिया गया। 

झारखंड में सामने आया धर्म परिवर्तन का मुद्दा
झारखंड में जबरन धर्म परिवर्तन का मुद्दा गाहे-बगाहे सुलग उठता है। बुधवार को झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के टोंटो थाना क्षेत्र के ग्रामीणों ने बाहरी लोगों द्वारा धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने इस बाबत पुलिस में शिकायत भी की है। ग्रामीणों का कहना है कि बाहरियों द्वारा जबरन और प्रलोभन देकर गांव के 11 परिवारों का धर्मान्तरण कराया गया है।

 

ग्रामीणों ने जबरन धर्म परिवर्तन का लगाया आरोप
गौरतलब है कि ग्रामीणों ने गांव में जबरन धर्मांतरण को लेकर पुलिस से शिकायत पहले भी किया है। धार्मिक मुद्दों को लेकर कई दौर में गांव में पंचायतें भी हुए है और धर्म परिवर्तन करने वाले परिवारों का सामाजिक बहिष्कार भी हुआ है। 

रघुवर सरकार में आया था धर्म स्वतंत्र बिल
बहरहाल, सनद रहे कि झारखंड में बीजेपी की रघुवर दास सरकार की अगुवाई में साल 2017 में ध्वनिमत से धर्म स्वतंत्र बिल-2017 विधानसभा में पारित हो गया था। इसके तहत प्रलोभन या जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर जेल और जुर्माने का प्रावधान भी किया गया था। जबरन धर्म परिवर्तन को लेकर कानून होते हुए भी झारखंड में लगातार धर्म परिवर्तन के नए मामले सामने सामने आ रहे हैं।