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मोदी के गुजरात में भी नौकरी मांग रहे युवा, ट्विटर पर ट्रेंड हुआ 'रूपाणी रोजगार दो'

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द फॉलोअप टीम, डेस्क:
रोजगार! छात्र पढ़ाई करते हैं क्योंकि उन्हें रोजगार चाहिये। छोटे शहरों और महानगरों में बने हॉस्टलों के दबड़ेनुमा कमरों में घंटों पढ़ाई करते हैं क्योंकि उन्हें रोजगार चाहिये। मां-बाप अपना पेट काटकर बच्चों को खर्चा भेजते हैं क्योंकि उन्हें उम्मीद होती है कि रोजगार मिलेगा। वैकेंसी का इंतजार करते हैं, परीक्षा का इंतजार करते हैं, परीक्षा देकर परिणाम का इंतजार करते हैं और आखिर में परिणाम के बाद नियुक्ति का इंतजार। कहने का मतलब कि उनका इंतजार खत्म नहीं होता। उम्र बीतती जाती है। समय बदल जाता है। उम्मीदें केवल और केवल धूमिल होती रहती है।  

रोजगार क्यों नहीं है मेनस्ट्रीम मुद्दा
सरकारें कहती हैं कि ये युवा शक्ति का देश है। उनकी सरकार युवाओं की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए बनी है। बावजूद इसके रोजगार मुद्दा नहीं बन जाता। मेनस्ट्रीम में इसकी चर्चा तक नहीं होती। सदन में खूब हो-हंगामा होता है लेकिन रोजगार पर कोई बहस नहीं होती। हालांकि, बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया में रोजगार का मुद्दा छाया हुआ है। सोशल साइंस प्लेटफॉर्म ट्विटर पर इस मुद्दे पर हैशटेग चलाया जा रहा है। बीते कुछ दिनों से मोदी रोजगार दो, बहाना नहीं बहाली चाहिये जैसे हैशटेग ट्रेंड कर रहे थे।
इन हैशटेग पर लाखों की संख्या में ट्वीट किये गये। लोगों ने सवाल उठाना शुरू किया। लोगों ने वैकेंसी, रिजल्ट, परीक्षाओं और नियुक्तियों को लेकर कई सवाल उठाये। 

गुजरात के युवा भी मांग रहे जॉब
इस बीच ट्विटर पर मोदी गर्लफ्रेंड दो, मोदी ब्वॉयफ्रेंड जैसे मजाकिया और सेंसलेस हैशटेग भी ट्रेंड करने लगे। ऐसा लगा कि एक गंभीर मुद्दा कहीं मजाक की आड़ में छिप जायेगा। कई लोगों का ये मानना था कि ये आईटी सेल की करतूत है। खैर जो भी, इन मजाकिया ट्वीट के बाद भी मोदी रोजगार दो हैशटेग ट्विटर पर ट्रेंड करता रहा और अभी भी कर रहा है। इस बीच अलग-अलग राज्यों से भी रोजगार की मांग को लेकर लोगों ने आवाज उठाना शुरू कर दिया। 
इस समय ट्विटर पर रूपाणीजी रोजगार दो हैशटेग ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है। मामला गुजरात का है क्योंकि यहां के सीएम विजय रूपाणी हैं। गुजरात के छात्र हैशटेग चलाकर लगातार रोजगार से जुड़े मुद्दे उठा रहे हैं। 

बेरोजगारी पर क्या कहता है आंकड़ा
सरकारें कह रही हैं कि उसने रोजगार की दिशा में बेहद सकारात्मक काम किया है। नये रोजगार सृजित कर रही है। फिर क्या वजह है कि ट्विटर पर रोजगार दो के हैशटेग ट्रैंड करने लगे हैं। इसका जवाब नीचे दिये गये कुछ आंकड़ों में छिपा है। थिंक टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के हालिया आंकड़े बताते हैं कि जनवरी 2021 में देश में बेरोजगारों की संख्या तकरीबन 4 करोड़ है। इस संख्या में 2 कैटेगरी के बेरोजगार शामिल हैं। 
पहले वो जो सक्रिय रूप से नौकरी की तलाश में है। दूसरे वैसे लोग जो नौकरी नहीं ढूंढ़ रहे। जनवरी में बेरोजगारी की दर सुधरी। जनवरी में बेरोजगारी दर 6.5 फीसदी थी जो दिसंबर 2020 में 9.1 की तुलना में बेहतर कही जा सकती है। 

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वित्तीय वर्ष 2019 से 2020 तक का आंकड़ा देखें तो भारत में तकरीबन 40 करोड़ लोग इस तकरीबन 40 करोड़ लोगों के पास रोजगार था वहीं साढ़े तीन करोड़ लोग बेरोजगार थे। सीएमआईई का आंकड़ा बताता है कि देश में प्रत्येक साल तकरीबन 2 करोड़ लोग जिनकी उम्र 15 से 59 साल के बीच होती है, उन्हें काम की तलाश होती है।