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गुमला: भुला दिए गये पुलवामा के शहीद 'विजय सोरेंग', सब्जी बेचकर गुजारा कर रही पत्नी

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द फॉलोअप टीम, गुमला: 
पुलवामा आतंकी हमले की आज दूसरी बरसी है। 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। शहीद जवानों में झारखंड के गुमला जिले के विजय सोरेंग भी शामिल थे। आज पुलवामा हमले की बरसी पर जब तमाम नेता शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं, ये जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि शहीद विजय सोरेंग के परिवार की स्थिति क्या है। 

आर्थिक संकट का सामना कर रहा परिवार
देश की रक्षा में विजय सोरेंग ने शहादत दी। घटना के दो साल बीतने के बाद भी उनका परिवार आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहा है। परिजनों को नौकरी देने का वादा किया गया था लेकिन उनके भाई या पत्नी को नौकरी नहीं मिली। शहीद विजय सोरेंग की पत्नी सब्जी बेचकर परिवार चला रही हैं। शहीद विजय के 4 बच्चे हैं जिसमें से एक दिव्यांग है। बच्चों की पढ़ाई आर्थिक परेशानियों की वजह से बहुत मुश्किल से हो पा रही है। 



पीएम आवास योजना का भी नहीं मिला लाभ
जानकारी के मुताबिक शहीद विजय सोरेंग की पत्नी शनिवार 13 फरवरी को एसडीओ से मिलने गई थीं लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई। वो चाहती हैं कि पीएम आवास योजना का लाभ मिल जाए लेकिन वो भी संभव नहीं हो पाया। परिवार का कहना है कि जब शहीद का पार्थिव शरीर गांव आया तो द्वार पर भीड़ थी लेकिन आज दो साल बाद उन्हें भुला दिया गया। 

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सीआरपीएफ की 82वीं बटालियन में थे विजय
आपको बता दें कि शहीद विजय सोरेंग सीआरपीएफ की 82वीं बटालियन में बतौर हेड कॉन्स्टेबल तैनात थे। विजय सोरेंग साल 1993 में सेना में भर्ती हुए थे। साल 1995 में विजय सोरेंग एसपीजी के कमांडो दस्ते में शामिल हो गए। शहीद विजय सोरेंग के पिता भी सेना में थे। उनका कहना है कि उनके बेटे में बचपन से ही देशभक्ति का भाव था। विजय की शहादत पर पिता वृष सोरेंग को गर्व है।