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आठ साल से बंद तीसरे राष्ट्रपति ज़ाकिर हुसैन के नाम पर बना पार्क कूड़ाघर में तब्दील

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द फॉलोअप टीम, रांची:
देश के तीसरे राष्ट्रपति Dr ज़ाकिर हुसैन (8 फरवरी 1897-3 मई 1969) की आज जयंती गुजर गई। लेकिन झारखंड की राजधानी रांची में ठीक राजभवन के पास बने जाकिर हुसैन पार्क तक का हाल जानने कोई न पहुंचा। उन्‍हें याद करने की बात ही जुदा है।



टूटे कृत्रिम झरने, जंग लगी कुर्सिंयां, झाड़ बनी फूलों की क्याआरियां और फिजा में फैली बदबू को नगर निगम का इंतजार शाम तक रहा।
 


क्योंकि 2018 में डिप्टीग मेयर संजीव विजय वर्गीय ने वादा किया था कि पार्क की सूरत जल्दफ बदलेगी। पार्क तो 1969 में बना था, लेकिन उसे रेनोवेट 2001 में किया गया। शुरुआत में बच्चोंर की टोलियों से गुलजार रहने वाले पार्क में 8 साल से ताला जाड़ा है।

एक एकड़ से 20 डिसमिल में सिमटा पार्क: एस अली
झारखंड छात्र संघ और आमया के अध्यकक्ष एस अली ने बताया कि झारखण्ड के अलग होने के बाद ज़ाकिर हुसैन की याद में दिए गए एक एकड़ की जमीन, अब 20 डिसमिल बदहाल पार्क में सिमट गई है। 



पार्क पेशाबखाने, गुटका थुकने, कूड़ा-कचड़ा फेकने और शराबियों और जुवाडियों के अड्डा में तब्दीाल हो गया है। यदि निगमऔर सरकार ने इसका सौंदर्यीकरण नहीं किया तो आंदोलन किया जाएगा।



कौन हैं ज़ाकिर हुसैन 
ज़ाकिर हुसैन एक व्यवहारिक और आशावादी इंसान थे। जिन्होंने अपनी मूलतः कानून की पढाई हैदराबाद से की। M.A की पढाई पूरी करने के बाद वे जर्मनी चले गए और इकोनॉमिक्स में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। एक प्रतिभाशाली छात्र के साथ एक कुशल वक्ता भी थे। महज 23  साल की उम्र में अपने कुछ दोस्तों के साथ मिल कर जामिआ मिलिया यूनिवर्सिटी की नींव रखी। 20 साल तक इस संस्‍थान को चलाया। 1962 में राधाकृष्णन के बाद उन्हें उपराष्ट्रपति के पद सँभालने का मौका मिला। 1967 में देश के तीसरे और भारत के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति बने।