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कलयुगी बेटे ने माँ को निकाला घर से, भीख मांगकर कर रही है गुजारा

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द फॉलोअप टीम, जमशेदपुर
कहा जाता है कि भगवान हर जगह मौजूद नहीं रह सकते इसलिए उन्होंने माँ-पिता को बनाया। ताकि वह हमेशा हमारे साथ रह सके और हम खुद को महफ़ूज़ महशुस कर सके। लेकिन पता नहीं कुछ लोगों के लिए अपनी खुद की माँ कैसे बोझ बन जाती है कि उन्हें घर से ही बाहर निकाल फेंकते है। ऐसे ही एक बेटे ने अपनी 65 वर्षीय माँ को घर से बाहर निकल दिया है। इसके बाद से वृद्ध माँ टाटानगर स्टेशन के पास भीख मांगकर दो माह से गुजारा अपना कर रही थी।  वृद्ध का पति अपने मंझले पुत्र के साथ रहती है। वृद्धा के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा गुरुप्रसाद राय कदमा में रहता है और छोटा पुत्र अमित राय सोनारी में रहता है।

क्या कहती है वृद्ध माँ 
वृद्ध माँ ने बताया कि वह बड़े बेटे के पास रहती थी, जो एक अच्छी कंपनी में काम करता है। पैसे की कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन मेरी वजह से बहू-बेटा में हर दिन झगड़ा होता था। झगड़ा से मैं खुद तंग हो गयी थी। वृद्धा की बहु ने बेटे को धमकी दी कि अगर यह बुढि़या घर से नहीं निकलेगी तो मैं फांसी लगा लूंगी। इसके बाद बेटे ने मुझे घर से निकाल दिया। उससे पूछा गया आप अपने छोटे बेटे के पास क्यों नहीं चली गईं तो इसपर वृद्धा ने कहा कि छोटे बेटे की पत्नी भी बड़ी बहू जैसी ही है अगर उसके पास गयी तो वह भी मुझे निकाल देगी इसलिए वह भीख मांग रही है। 

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फुरीडा संस्था ने वृद्ध महिला को लाया वृद्धाश्रम 
जमशेदपुर के डिमना रोड में फुरीडा संस्था नामक वृद्धाश्रम चलती है। संस्था के सदस्य ने बताया नीलमणि व अर्जुन कुमार किसी काम से स्टेशन गए थे। उन्होंने स्टेशन पर एक बेंच पर एक वृद्धा को सोते हुए पाया। पूछने पर बताया कि उसके बहू-बेटे ने घर से निकाल दिया है। जिसके कारण वह दो माह से स्टेशन के आसपास ही भीख मांगकर किसी तरह गुजारा कर रही है। वृद्ध माँ की कहानी सुनकर आस पास के लोग काफी भावुक हो गए। इसके बाद फुरीडा संस्था के सदस्यों ने वृद्धा को ऑटो में बिठाकर महिला आश्रयगृह ले आए। संस्था के संचालक भास्कर कुमार ने बताया कि जब तक वृद्धा रहना चाहेगी वह आराम से यहाँ रह सकती है।