द फ़ॉलोअप टीम, रांची:
ज़रा सोचिए की उस माँ की क्या मज़बूरी रही होगी जिसने अपने कलेजे के टुकड़े को सर्द हवाओं के बीच झाड़ियों में छोड़ दिया। दरअसल, सदर अस्पताल के पास झाड़ियों से एक 7 महीने के बच्चे की रोने की आवाज़ आ रही थी, जिसे सुन वहाँ के नर्स और हेल्थ वर्कर्स उसे अस्पताल ले आए। हालांकि एक बार फिर ममता के आगे मजबूरियों ने दम तोड़ दिया और उस बच्चे की माँ लगभग 7 घंटे के बाद अपने लाल के पास आ गई। सदर थाना की पुलिस ने जब पूछताछ की तो उस महिला ने अपना नाम आरती बताया और कहा कि उसका पति उसके साथ मरपीट करता है और उसने सभी को यह भी कह दिया है की वह मानसिक तौर से कमज़ोर है। इसी सबसे वह परेशान होकर उसने अपने बच्चे को यहाँ छोड़ दिया।
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बेटे को बनाना चाहती है डॉक्टर
पुलिस की पूछताछ के दौरान आरती ने बताया कि वह अपने बेटे को पढ़ा लिखा कर अपने पैरों पर खड़ा देखना चाहती है। उसका सपना है की उसका बेटा डॉक्टर बने। साथ ही उसने यह भी बताया कि जिस तरह लोग उसे पागल या मानसिक रूप से कमज़ोर बोलते है उसका जवाब एक दिन उसका बेटा बड़ा आदमी बन कर देगा।