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कर्नाटक के रसिकों को मोह रही रांची के फ़नकार दिलेश्वर की कलाकृतियां

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द फॉलोअप टीम रांची
कर्नाटक राज्य के कोडागु जिला के विराजपेट में चल रहे सात दिवसीय कला उत्सव में रांची के मूर्तिकार-चित्रकार दिलेश्वर लोहरा की तीन कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं। इसमें शिक्षाविद डॉ रामदयाल मुंडा और पूर्व विधायक सुखदेव भगत की माताश्री  बुदिया भगत का व्यक्तिचित्र के अलावा मार्बल मूर्ति शिल्प में "हाईब्रिड मछली" शामिल हैं। जिसके माध्यम से कल्पना और सोच के साथ जीवन में हो रहे बदलाव को दिखलाया गया है। कला उत्सव में कर्नाटक के साथ दूसरे राज्यों के कलाकारों की कलाकृतियों को भी शामिल किया गया है। जिसमें केरल के सी.राजापन, कर्नाटक के चित्रकार मिस आशा मडप्पा, मिस ज्योति, एसआर जगदीश,  विनोद कुमार, सिवन कैलाश, सुलेमान खान, सुरैया खान आदि के नाम शामिल हैं। पटना आर्ट कॉलेज से बीएफए करने के बाद दिलेश्वर करीब बीस सालों से कला के क्षेत्र में सक्रिय हैं। एक साल बनारस में रहकर की वहां की संस्कृति से भी रूबरू होने का उन्हें मौका मिला। झारखंड के संस्कार तो उनकी मिट्टी में ही है। प्रतिमा निर्माण और पेंटिंग के साथ-साथ उन्होंने  फिल्मों में कला निर्देशन भी किया है।

बना चुके हैं कई प्रतिमाएं
दिलेश्वर अबतक कई महापुरुषों की प्रतिमाएं बना चुके हैं। 2004 में उनकी बनाई भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा लापुंग में लगी है। 2006 में वीर बुधु भगत की बनाई प्रतिमा लोहरदगा में शोभा बढ़ा रही है। 2009 में बुधन सिंह, शिव शंकर राम आदि की प्रतिमाएं बनाई। 2015 में प्लांट स्कल्पचर ताल कटोरा स्टेडियम दिल्ली के लिए बनाई। बाबा कार्तिक उरांव की कई प्रतिमाएं उन्होंने बनाई हैं। झारखंड राज्य संग्रहालय रांची में बिरहोर जनजाति की आदमकद प्रतिमा का निर्माण किया है। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में पौधों की मूर्ति जैसे ऊंट, हाथी, जिराफ और हिरण आदि कलाकृतियां उनकी ही बनाई हुई हैं।

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फिल्मों में दिया कला निर्देशन
दिलेश्वर इलाका किशोरगंज समेत कई फिल्मों के आर्ट डायरेक्टर रहे हैं। इसके अलावा उनकी झोली में दो पंजाबी फिल्मों का भी कला निर्देशन में नाम है। पहली फिल्म रूपिंदर गांधी औरा दूसरी है डाकुआ द मुंडा। दोनों की शूटिंग रांची में ही हुई थी। कन्नड़ फिल्म रांची में कला निर्देशन का काम किए हैं। 



कई पुरस्कार सम्मान से नवाजे गए
दिलेश्वर कई इनाम-सम्मान से नवाजे जा चुके हैं। 1991 में कॉलेज आफ आर्ट एंड क्राफ्ट, स्टील अथॉरिटी आफ इंडिया लि और 2000 में फाइन सोसायटी पटना मेडिकल कॉलेज ने भी सम्मानित किया है। इसके अलावा कई संस्थाएं सम्मानित कर चुकी हैं।