द फॉलोअप टीम, मुंबई
टीआरपी स्कैम मामले में मुंबई की क्राइम ब्रांच ने रिपब्लिक टीवी के सीईओ को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद खनचंदानी को आज कोर्ट में पेश किया गया। खनचंदानी से पहले भी इस मामले में दो बार पूछताछ हो चुकी है। जांच के दौरान ये बाते सामने आई की कुछ केबल ऑपरेटर्स दो एलसीएन यानी लैंडिग चैनल नंबर तकनीक इस्तेमाल कर रहे थे। इस तकनीक से एक ही चैनल दो चैनल नंबरों पर देखा जा सकता है। रिपब्लिक टीवी के अधिकारियों ने केबल ऑपरेटर्स को भी एलसीएन और एलसीएन प्रमोशन के लिए संपर्क किया था। बताया जा रहा है कि खनचंदानी को इस बारे में पता था क्योंकि वे रिपब्लिक के उस व्हाट्सएप ग्रुप का हिस्सा हैं जहां एलसीएन और एलसीएन प्रमोशन की चर्चा हुई थी।
विज्ञापनदाताओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण है टीआरपी
फ़ेक टीआरपी स्कैम का ये मामला इसी साल अक्तूबर में सामने आया जब रेटिंग एजेंसी बार्क ने हंसा रिसर्च ग्रुप के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करवाई कि कुछ टीवी चैनल टीआरपी नंबरों में धांधली कर रहे हैं। हंसा बार्क के लिए लोगों के घरों में टीआरपी मीटर लगाने का काम करती है।सर्वे में शामिल घरों में लगे मीटरों से टेलीविज़न व्यूवरशिप डेटा रिकॉर्ड कर टीआरपी निकाली जाती है और ये टीआरपी नंबर विज्ञापनदाताओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। पुलिस के मुताबिक़ इन मीटर वाले कुछ घरों में रिपब्लिक टीवी और अन्य कुछ चैनल चलाए रखने के लिए रिश्वत दी गई थी।
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अबतक 13 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
इस मामले में पिछले महीने रिपब्लिक टीवी के वेस्टर्न रीजन के डिस्ट्रीब्यूशन हेड घनश्याम सिंह को गिरफ़्तार किया गया था। इस महीने की शुरूआत में उन्हें ज़मानत मिल गई। मुंबई पुलिस के विशेष जांच दल ने इस मामले में अब तक 13 लोगों को गिरफ़्तार किया है।इस बीच, रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ़ अर्नब गोस्वामी ने पिछले हफ़्ते बॉम्बे हाई कोर्ट में इस मामले की जांच पर स्टे लगाए जाने के लिए याचिका दाख़िल की है। याचिका में गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी की कंपनी एआरजी आउटलियर मीडिया ने आरोप लगाया है कि उनके कर्मचारी को पुलिस हिरासत में टॉर्चर किया गया। याचिका में रिपब्लिक के सभी कर्मचारियों को महाराष्ट्र प्रशासन की द्वेषपूर्ण कार्रवाई से बचाए जाने की मांग की गई है।