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आदिवासी के साथ जांच के नाम पर मारपीट करना 3 पुलिसकर्मियों को महंगा पड़ा, सीएम के दखल से तीनों निलंबित

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द फॉलोअप टीम, बोकारो
पुलिसिया जांच के नाम पर आदिवासी युवक के साथ बदतमीजी और मारपीट करना तीन पुलिस वालों को महंगा पड़ा है। तीनों निलंबित कर दिए गए हैं। जांच के आदेश भी पुलिस कप्ताान ने दे दिया है। जन अधिकार मंच ने मामले के संबंध में सूबे के सीएम हेमंत सोरेन से इंसाफ की गुहार की थी। हुआ यूं कि शनिवार की देर शाम आईईएल कंपनी गोमिया से काम कर बंशी मांझी घर लौट रहा था। उसका गांव धवैया पेंक नारायणपुर थाना में पड़ता है। जब वो बूढ़गड्ढा मोड़ पहुंचा तो पेट्रोलिंग पार्टी ने उसे रोका। जांच और पूछताछ के दौरान दोनों के बीच बकझक हुई। आरोप है कि पुलिस ने उसकी पिटाई कर दी। गंभीर हालत में आईईएल स्थित आर्डियर अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्राथमिक इलाज के बाद बेहतर इलाज के लिए उसे बोकारो रेफर कर दिया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के संज्ञान लेते ही प्रशासन जागा। बोकारो एसपी ने तत्काल मामले के आरोपी पेंक थाना के थाना प्रभारी सुमन कुमार सिंह, सिपाही अमित कुमार पंजियार और राजकुमार मंडल को निलंबित कर दिया।

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चंपई सोरेन ने भी डीजीपी को जांच के दिए थे आदेश
मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने डीजीपी को जांच कर कार्रवाई करते हुए सूचित करने को कहा था। मंगलवार को बोकारो एसपी ने बेरमो एसडीपीओ को जांच का आदेश दे दिया। बेरमो के एसडीपीओ एसएस झा ने बताया कि जांच के क्रम में प्रथम दृष्टया में मामले में पुलिस के जवान देाषी साबित हुए हैं। जिसके आधार पर उनको निलंबित कर दिया गया है। मंत्री चंपई सोरेन ने भी इसे गंभीरता से लिया था और उन्होंने भी डीजीपी को जांच के आदेश दिए थे।