द फॉलोअप टीम, रांची :
रांची विश्वविद्यालय सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को झारखंड सरकार के वित्तमंत्री डॉ रामेश्वर उरांव से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने अनुबंध सहायक प्राध्यापकों को लॉकडाउन अवधि के लिए एक निश्चित मासिक मानदेय देने की मांग की है, इसपर मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए कहा कि आपकी मांगें जायज है। इस दिशा में राज्य सरकार जल्द ही ठोस पहल करेगी। इसके लिए वे स्वयं मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव से बात कर समाधान निकालेंगे।
कुलपति ने दिया है आश्वासन
विदित हो कि रांची विश्वविद्यालय सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ को कार्य बहिष्कार के मामले में 6 नवंबर को (दसवें दिन) विश्वविद्यालय प्रशासन को मांग मनवाने में सफल रहा। इसमें घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों के योगदान को पहली बार स्वीकार करते हुए राज्य सरकार को निश्चित मासिक मानदेय भुगतान के लिए पत्र भेजा गया है। इसमें कुलपति ने संघ के पदाधिकारियों को आश्ववासन दिया है कि अगर राज्य सरकार द्वारा जल्द ही निश्चित मासिक मानदेय भुगतान का निर्णय नहीं आता है, तो वे अन्य उपलब्ध विकल्पों पर विचार करेंगे। उन्होंने संघ से अपील की है उन्हें इसके लिए कुछ और समय दिया जाए।
वित्तमंत्री के आश्वासन के बाद आंदोलन स्थगित
कोल्हान विश्वविद्यालय सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ, जो इसी मुद्दे को लेकर आंदोलनरत था, के द्वारा कार्य बहिष्कार की समाप्ति की घोषणा की जा चुकी है। इधर, झारखंड सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ द्वारा भी 8 नवंबर से आंदोलन की घोषणा कर दी गई है। इस परिस्थिति में वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव एवं रांची विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद फिलहाल आंदोलन स्थगित करने पर सहमति बन गई है।
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प्रतिनिधिमंडल में ये लोग थे शामिल
प्रतिनिधिमंडल में रांची विश्वविद्यालय अनुबंध संघ के अध्यक्ष डॉ राकेश किरण की अगुवाई में महासचिव किशोर सुरीन, सचिव रामप्रवेश कुमार, संयुक्त सचिव शंकर मुंडा, उपाध्यक्ष मिथिलेश कुमार, कोषाध्यक्ष रवि कुमार, डॉ त्रिभुवन कुमार शाही, रितेश कुमार सिंह शामिल थे।