द फॉलोअप टीम, रांची :
राज्य सरकार द्वारा सीबीआई पर लगाए गए रोक के दूसरे दिन भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सराकर की मंशा पर सवाल उठाया है। पिछले सालों में सीबीआई द्वारा झारखंड में पड़े छापे का जिक्र करते हुए बाबूलाल ने कहा कि किसी बड़े व्यापारी के पास से सीबीआई ने एक डायरी बरामद की थी, जिसमें कई नाम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह व्यापारी मुख्यमंत्री से जुड़ा हुआ था। हालांकि उन्होंने खुलकर व्यक्ति का नाम नहीं लिया। बाबूलाल ने संशय के आधार पर कहा कि उस डायरी में दर्ज नाम उजागर नहीं हो जाए, इसलिए सरकार ने भयभीत होकर सीबाआई पर रोक लगा दी। सराकर के इस कदम को बाबूलाल ने लोकतंत्र में पारदर्शिता को खत्म करने जैसा बताया है और कहा कि सीबीआई पर रोक लगाना आश्चर्य की बात है। वे शुक्रवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस को संबोधित कर रहे थे।
यूपीए सराकर में सर उठा रहा नक्सलवाद और उग्रवाद -
पूर्व मुख्यमंत्री ने यूपीए सराकर के कार्यकाल में बढ़ रहे नक्सली हमलों और उग्रवाद पर भी सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी प्रांतों में ऐसी घटनाएं पहले की अपेक्षा बढ़ी हैं। भाजपा सराकर ने इसे कम करने का काम किया था। रांची दैनिक खबर मंत्र के मालिक से लेवी मांगे जाने और बाद में उनपर हमला किए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में विधि व्यवस्था खत्म होने की कगार पर है।
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जिनपर विधि व्यवस्था संभालने की जिम्मेवारी, उन्हें वसूली पर लगा दिया है -
जामा विधायक सीता सोरेन के बयान का जिक्र करते हुए बाबूलाल ने कहा कि हेमंत सराकर के उपर उनकी पार्टी के लोग ही संशय कर रहे हैं। कई बार अवैध क्रशर, खनन और कोयले के नाम पर चल रहे गोरखधंधे पर सरकार के ही लोगों ही ने सवाल उठाया है। बाबूलाल ने कहा कि जिनपर इन्हें रोकने की जिम्मवारी है, उन्हें वसूली पर लगा दिया है। खादानों के पास पैसे लेकर ट्रक पास किए जा रहे हैं।