द फॉलोअप टीम, जमशेदपुर:
गलत काम का गलत परिणाम ही आता है, देरी हो सकती है लेकिन कहते हैं ना सच्चाई एक दिन बाहर आ जाती है। कुछ ऐसा ही आज सरायकेला कोर्ट में देखने को मिला। जहां नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपी जयदेव कुम्हार उर्फ जयदेव कुमार को दोषी पाते हुए 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। पोक्सो कांड संख्या 28/ 2019 और नीमडीह थाना कांड संख्या 11/ 2019 के तहत दर्ज मामले पर सुनवाई करते हुए उन्होंने जयदेव कुम्हार को भादवि की धारा 376 (3) का दोषी पाते हुए 20 साल सश्रम कारावास और 20000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड नहीं दिए जाने की स्थिति में तीन साल अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी। इसी प्रकार भादवि की धारा 366 (ए) के तहत मामले का दोषी पाते हुए 8 साल सश्रम कारावास और ₹10000 अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड नहीं देने पर दो साल अतिरिक्त करावास की सजा भुगतनी होगी।
पीड़िता के पिता हैं मजदूर
पीड़िता के पिता अपनी पत्नी के साथ उड़ीसा के भुवनेश्वर में श्रमिक का काम करने गए थे। इस दौरान उनके घर पर उनकी पीड़िता नाबालिग पुत्री सहित एक अन्य छोटी बेटी और एक बेटा है, उनकी अनुपस्थिति में 13 फरवरी 2019 को रात के तकरीबन 9:30 बजे ईचाडीह निवासी 19 वर्षीय जयदेव कुम्हार घर से जबरदस्ती खींचकर उनकी पुत्री को सुखराम कुम्हार के घर ले गया और दुष्कर्म करने लगा। इस दौरान शोर मचाने पर जयदेव दुष्कर्म कर भाग गया, उसने पीड़िता को इसकी जानकारी किसी को भी देने पर उसकी और उसके परिवार की हत्या करने की धमकी दी। 14 फरवरी 2019 की प्रातः तकरीबन 9:00 बजे घटना की सूचना पीड़ित नाबालिग ने फोन पर अपने पिता को दी। जाने के बाद पिता अपनी पत्नी के साथ गांव आकर अगल-बगल से पूछताछ करते हुए गांव के मुखिया को लेकर जयदेव के घर गए। वहां वे लोग गाली गलौज और मारपीट करने की धमकी देने लगे। इसके बाद पीड़िता के पिता द्वारा थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी।