द फॉलोअप टीम, लखीमपुर खीरी:
यूपी के लखीमपुर खीरी में भड़की हिंसा में 8 लोगों की मौत मामले में यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा कि उच्च न्यायालय ने मामले की न्यायिक जांच की बात कही है। ये पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि किसी भी दोषी को नहीं बख्शा जायेगा। गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में रविवार को भड़की हिंसा में 8 लोगों की जान चली गई।
यूपी भवन के सामने दिया गया धरना
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में महिला कांग्रेस, अखिल भारतीय किसान सभा और अखिल भारतीय जनतांत्रिक महिला संघ के सदस्यों ने दिल्ली में यूपी भवन के सामने धरना दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जोर-आजमाइश भी दिखी। गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जाने का प्रयास कर रहीं प्रियंका गांधी को फिलहाल यूपी पुलिस ने हिरासत में रखा है। अखिलेश यादव के भी लखनऊ स्थित आवास को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
सीटिंग जज से करवाई जाए न्यायिक जांच
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले को लेकर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि लखीमपुर की घटना काफी चौंकाने वाली है। यूपी सरकार ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुवाई में न्यायिक जांच की घोषणा की है, हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते, क्योंकि मामले की जांच के लिए सिटिंग जज की जरूरत है। यूपी सरकार इस पर पर्दा नहीं डाल सकती।
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दुर्भाग्यपूर्ण है लखीमपुर खीरी की घटना
गौरतलब है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर खीरी की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि हिंसा के लिए जो भी कोई दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जायेगा। प्रदेश में ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती। बता दें कि किसानों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच लखीमपुर खीरी में हिंसक झड़प हो गयी थी।