द फॉलोअप टीम, रांची:
गांधी जयंती के मौके पर प्रोफेशनल फॉर प्रोग्रेस यात्रा का आयोजन किया गया। मौके पर मौजूद राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ.रामेश्वर उरांव, प्रदेश कांग्रेस प्रोफेशनल विभाग के चेयरमैन आदित्य विक्रम जयसवाल, कांग्रेस नेता आलोक कुमार दूबे,लाल किशोर नाथ शाहदेव,डा.राजेश गुप्ता छोटू मौजूद थे। सबने लालपुर चौक स्थित बापू कुटीर में गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर बापू को नमन किया। गौरतलब है कि प्रोफेशनल फॉर प्रोग्रेस यात्रा के तहत लालपुर चौक के जायसवाल परिवार परिसर स्थित बापू कुटीर से मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका तक यात्रा भी निकाली गई, जिसमें रामेश्वर उरांव ने उस ऐतिहासिक कार के साथ तस्वीर भी खिंचावाई जिसमें महात्मा गांधी ने झारखंड प्रवास के दौरान यात्रा की थी। बता दें उसी कार में बैठकर गांधीजी ने रांची से रामगढ़ तक की यात्रा की थी। यही नहीं, महात्मा गांधी इससे गिरिडीह और जमशेदपुर भी गये थे।
रामेश्वर उरांव ने की बापू कि सिद्धातों की चर्चा
डॉ0 रामेश्वर उरांव ने बापू के सिद्धांतों की चर्चा करते हुए कहा कि गांधीजी के विचार गांधीवाद लोकतंत्र के लिए अभी भी प्रसांगिक है। भारत लोकतंत्र में विश्वास रखता है, समाज में उनके विचारों को प्रमुखता दी गई है। छूआछूत को कानूनन अपराध माना गया है। संविधान में छुआछूत के खात्मे के लिए कानून बना, ये गांधीवाद का असर है। आज लोकतंत्र में सत्याग्रह होता है, यह गांधीजी द्वारा दिखाये गये रास्ते के कारण ही संभव हो पाया है। लोग अपनी मांगों और समस्याओं की ओर सत्याग्रह के माध्यम से बिना लाठी-डंडा के अहिंसा के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते है और संवेदनशील सरकार इस पर निर्णय लेती है।
आज भी संभाल कर रखा गांधीजी की यादों को
डॉ0 उरांव ने जायसवाल परिवार की सराहना की क्योंकि उन्होंने गांधीजी की यादों को आज भी संभाल कर रखा है। गांधीजी 1940 में रामगढ़ अधिवेशन में हिस्सा लेने के लिए 1927 मॉडल के फोर्ड कार पर बैठ कर रांची से रामगढ़ गये थे। वो कार अब भी सुरक्षित है। इस परिवार ने गांधीजी के कहने पर ही अंग्रेजी शासन में दिये गये राजा और सर की उपाधि को त्याग दिया था। प्रोफेशनल्स कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष आदित्य विक्रम जायसवाल ने बताया कि गांधी जी ने 1940 में जिस आवासीय परिसर में देश की आजादी की लड़ाई को लेकर आंदोलन की रणनीति बनाया करते थे।
बापू कुटीर के रूप में सुरक्षित है गांधीजी की यादें
वह स्थान आज भी बापू कुटीर के रूप में सुरक्षित है। 1927 में राय पहले नॉन ब्रिटिश थे, जिन्होंने फोर्ड की यह मॉडल खरीदी थी। ये फोर सीटर इस कन्वर्टिबल कार में चार सिलेंडर इंजन है और आज भी आधुनिक कार से कम नहीं है। उन्होंने बताया कि प्रोफेनेशल कांग्रेस की ओर से किसानों और युवाओं को सशक्त बनाने का लक्ष्यरखा गया है, इसके लिए प्रोफेशनल कांग्रेस की ओर से कृषि सहायता केंद्र भी खोला जाएगा और किसानों तथा युवाओं के पलायन पर अंकुश के लिए आवश्यक पहल की जाएगी।
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