द फॉलोअप टीम, रायगढ़:
छत्तीसगढ़ में प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत पढ़ना-लिखना अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत जो लोग पहले नहीं पढ़ पाए थे वह अब शिक्षा ले रहे हैं। इसके लिए महा परीक्षा का आयोजन लैलूंगा स्थित प्राथमिक स्कूल में किया गया था। परीक्षा केंद्र में शुक्रवार को एक गजब का नजारा देखने को मिला। यहां मां-बाप और बेटा बहू साथ-साथ परीक्षा देने पहुंचे।
परिवार ने शिक्षा हासिल करने का संकल्प लिया
गौरतलब है कि रायगढ़ के एक परिवार ने गांठ बांध ली कि उनका पूरा परिवार शिक्षित होगा। पहले गरीबी और फिर काम-धंधे के चलते पढ़ नहीं पाए थे लेकिन अब बच्चों की खातिर फिर कलम और किताब उठा लीं। परीक्षा केंद्र में माता-पिता और बेटे-बहू एक साथ परीक्षा देने के लिए पहुंचे थे। वहां जिन लोगों ने भी चारों को देखा, हैरत में पड़ गया।
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परिवार को देख शिक्षकों का चेहरा खिला
परीक्षा में शामिल होने शौकत मोमिन नमक व्यक्ति अपनी बीवी हसीना मोमिन, बेटा रजब मोमिन और बहू मरियम के साथ स्कूल पहुंचे थे। एक ही परिवार से एक साथ सबको परीक्षा देने पहुंचा देख सभी शिक्षकों के चेहरे खिल गए। सबने परिवार की भावना का सम्मान किया। चारों को एक ही कमरे में परीक्षा देने के लिए बैठाया गया। इसके बाद सास-ससुर, बेटा और बहू चारों ने एक साथ बैठकर परीक्षा दी।
बच्चों को पढ़ाने में मुश्किल होती हैं
परीक्षा के बाद बेटे रजब ने पत्रकारों से बात की और कहा कि हमे उस समय मौका नहीं मिला था कि पढ़ लिख सकते। अब घर के बच्चे स्कूल जाते हैं, लेकिन जब घर आते हैं तो उनको कुछ कुछ पढ़ाई से जुड़ा बताना होता है लेकिन हमें कुछ आता ही नहीं है इसलिए हम कुछ बता नहीं पाते हैं।
प्रौढ़ शिक्षा के लिए महापरीक्षा का आयोजन
शिक्षकों ने बताया कि यह जागरूकता का संदेश है। महा परीक्षा का आयोजन जिला कार्यक्रम अधिकारी अधिकारी डीके वर्मा के मार्गदर्शन में हुआ। लैलूंगा विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायतों व नगर पंचायत को मिलाकर 17 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इसमें 813 महिलाएं व 282 पुरूषों ने आवेदन किया था। परीक्षा में 606 महिलाओं और 245 पुरूष शामिल हुए।