द फॉलोअप टीम, रांची
लालू प्रसाद यादव के छोटे पुत्र और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार की दोपहर अपने पिता से रिम्स में मुलाकात की। बहुचर्चित चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद रिम्स, रांची के पेइंग वार्ड में इलाजरत हैं। करीब सवा घंटे की मुलाकात के दौरान तेजस्वी यादव ने अपने पिता का हाल जाना और बिहार की राजनीति पर भी चर्चा की।
लगातार संपर्क में है दिल्ली के डॉक्टर
लालू यादव से मिलने के बाद मीडिया से बातचीत में तेजस्वी यादव ने कहा कि करीब चार महीने के बाद उन्होंने पिता से मुलाकात की है। पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बनी रहती है, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव के चलते समय नहीं मिल पाया था। वे रिम्स व दिल्ली के डॉक्टर के लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने दिल्ली के डॉक्टर से बात की है कि वे रांची आएं और उनके पिता के स्वास्थ्य का परीक्षण करें। यह बहुत गंभीर बात है कि उनके पिता की किडनी केवल 25 फीसद ही काम कर रही है।
किसान बन गये मजदूर
किसान आंदोलन पर भी तेजस्वी मुखर दिखे, उन्होंने कहा कि किसान अन्नदाता हैं और देशभर के किसान अपनी जायज मांग को लेकर आंदोलन पर हैं। उन्हें जो सम्मान मिलना चाहिए वह नहीं मिल रहा है। केंद्र सरकार रेल, बीएसएनएल, एलआइसी के बाद अब कृषि क्षेत्र को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में है। किसानों के उत्पाद को सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है, इसी की लड़ाई किसान लड़ रहे हैं। किसान मजदूर बनते चले गए, उनका विकास नहीं हो पाया।
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लोग गलत अर्थ लगा बैठे
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के सुप्रीमो जीतन राम मांझी से नजदीकियों के सवाल पर तेजस्वी यादव ने कहा कि जीतन राम मांझी का स्वास्थ्य ठीक नहीं था। वे कोरोना संक्रमित हो गए थे। उन्होंने स्वास्थ्य संबंधित जानकारी के लिए जीतन राम मांझी को कॉल किया था और कहा था कि वे जल्द स्वस्थ हों। इसपर जीतनराम मांझी ने भी उन्हें जीत की बधाई दी थी। इस बात की गलत अफवाह फैला दी गई कि जीतन राम मांझी की पार्टी का महागठबंधन में विलय होगा।
विधायक सुरेंद्र राम और संजय यादव भी लालू से मिले
रिम्स स्थित पेइंग वार्ड में तेजस्वी यादव के अलावा दो अन्य लोगों को ही लालू प्रसाद यादव से मिलने की अनुमति मिली थी। इनमें सारण से विधायक सुरेंद्र राम और राजद नेता संजय यादव शामिल थे। सिर्फ तीन लोगों को ही मिलने की अनुमति दी गई थी।
झारखंड सरकार के दो मंत्री बाहर ही करते रहे इंतजार
झारखंड सरकार के दो मंत्री बादल पत्रलेख और सत्यानंद भोक्ता भी तेजस्वी यादव के साथ रिम्स पहुंचे थे, लेकिन तीन लोगों को ही मिलने की अनुमति थी, इसलिए उनलोगों ने लालू प्रसाद यादव से नहीं मिलने का मन बनाया और बाहर ही खड़ा होकर इंतजार करने लगे। इसी बीच मीडिया से बातचीत में बादल पत्रलेख ने बताया कि उनलोगों को राजद नेता तेजस्वी यादव से बिहार विधानसभा चुनाव और राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा हुई है। बिहार के अभी से ही लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी है। इस बार जो कसर बाकी रह गया, वह पूरा होगा।