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ओरमांझी हत्याकांड मामला : 'जस्टिस फॉर निर्भया' कैम्पेन चलाने वालों को नोटिस भेजेगी झारखण्ड पुलिस 

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द फॉलोअप टीम, रांची 
झारखण्ड के बहुचर्चित ओरमांझी हत्याकांड की गुत्थी सुलझ गई है। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी शेख बिलाल सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मामले के उद्भेदन के बाद पुलिस अब उन लोगों से पुछताछ करेगी जो इस मामले को निर्भया मामले से जोड़ रहे थे और सोशल मीडिया पर जस्टिस फॉर निर्भया कैम्पेन चला रहे थे। 

क्या है मामला ?
दरअसल 3 जनवरी 2020 को ओरमांझी थाना क्षेत्र के जंगल से एक युवती का धड़ नग्न अवस्था में बरामद हुआ था।  पुलिस कई दिनों तक युवती का सिर ढूंढती रही और पहचान करने की कोशिश करती रही लेकिन पुलिस को तुरंत सफलता हाथ नहीं लगी। उसके बाद सोशल मीडिया पर बीजेपी सहित कई पार्टी के नेताओं और आम लोगों ने जस्टिस फॉर निर्भया कैम्पेन  चलाया था ताकि आरोपियों की गिरफ़्तारी जल्द हो और इस मामले में न्याय मिले लेकिन झारखण्ड के प्रभारी डीजीपी एमवी राव ने शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जस्टिस फॉर निर्भया कैम्पेन चलाने वालों को पुलिस जल्द ही नोटिस भेजेगी। 

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पुलिस पुछताछ करेगी - एमवी राव 
प्रभारी डीजीपी एमवी राव ने कहा कि ओरमांझी मामले में पुलिस पर बहुत सवाल उठाये गए। झारखण्ड पुलिस को अक्षम बताया गया और दूसरे एजेंसियों से भी मामले की जाँच करवाने की बात कही गई। साथ ही इस मामले को दिल्ली की निर्भया के मामले से भी जोड़ा गया। सोशल मीडिया पर जस्टिस फॉर निर्भया का कैम्पेन चलाया गया।  अब पुलिस उन तमाम लोगों को नोटिस भेजेगी जो ओरमांझी के इस मामले को निर्भया से जोड़ रहे थे और जस्टिस फॉर निर्भया का कैम्पेन चला रहे थे।  

सोशल मीडिया पर किसी को कुछ भी लिखने का अधिकार नहीं - प्रभारी डीजीपी 
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए प्रभारी डीजीपी एमवी राव ने कहा कि सोशल मीडिया पर किसी को कुछ भी लिखने का अधिकार नहीं है। अगर लोगों ने इसे निर्भया से जोड़ा है तो इसका मतलब वह इस मामले में जरूर कुछ जानते होंगे इसलिए पुलिस उनसे पुछताछ करेगी। नोटिस भेजने और पुछताछ करने में पुलिस कोई पार्टी या दल नहीं देखेगी।

मामले का उद्भेदन करने में शामिल पुलिस अधिकारीयों को किया जायेगा सम्मानित 
ओरमांझी थाना क्षेत्र से मिली युवती की सिर कटी नग्न लाश मामले का उद्भेदन करने में शामिल पुलिस के अधिकारियों और कर्मियों को किया जाएगा सम्मानित, ये बाते आज पुलिस मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए झारखण्ड के डीजीपी एमवी राव ने कही। साथ ही कहा कि ये पूरा मामला एक ब्लाइंड केस था जिसे डीआईजी अखिलेश कुमार झा, एसएसपी राँची सुरेंद्र कुमार झा , ग्रामीण एसपी नॉशाद आलम की टीम और एडीजी विशेष शाखा एम एल मीना के इनपुट और टेक्निकल सहयोग की मदद से उदभेदीत करने में सफलता पाई जो कि विशेष उपलब्धि है।