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एनसीपी का आरोप, महागठबंधन में नहीं हुआ सम्मानजनक समझौता, अब अकेले ही चुनाव लड़ने की तैयारी

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द फॉलोअप टीम, पटना 
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने 145 सीट पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। एनसीपी का आरोप है कि चुनाव महागठबन्धन में सम्मानजनक सीट नहीं मिलने से नाराज होकर उसने यह कदम उठाया है। एनसीपी बिहार प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव के के शर्मा ने कहा कि हमारी बात राजद और महागठबन से हो रही थी। लेकिन बातचीत के दौरान सम्मानजनक समझौता नहीं होने के चलते हमलोगों ने बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। 

उम्मीदवारों की सूची 7 अक्टूबर को होगी जारी
एनसीपी बिहार प्रभारी के के शर्मा ने बताया 145 सीटों पर हम बेहतरीन उमीदवारों को उतारेंगे। इसके लिए उम्मीदवारों की सूची 7 अक्टूबर को जारी की जाएगी। बिहार प्रभारी ने महागठबन्धन पर निशाना भी साधा और यह बताया कि महागठबन्धन बेमेल विचारों का जोड़ा है। जनता हमारे विचारों से अवगत है। हम युवा किसान, शिक्षा, बेरोजगारी, जैसे ज्वलन्त मुद्दों और साथ ही साथ बिहार सरकार की नाकामियों का भी विरोध करेंगे। 

छोटे दलों को नजरअंदाज किया गया
बिहार में चुनावी माहौल के बीच चर्चा है कि महागठबन्धन में सीटों के बंटवारे में छोटे दलों को नजर अंदाज किया गया है। पहले जहां वीआईपी के मुकेश सहनी ने विरोध किया और इससे पहले रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा ने भी महागठबन्धन को छोड़ दिया था। अब इस लिस्ट में एनसीपी का भी नाम जुड़ गया है। 

महागठबंधन से दलों का हो रहा मोहभंग !
राजनीतिक टिप्पणीकार बताते हैं कि अगर इसी तरह महागठबन्धन से दलों का मोह भंग होता रहा तो वो दिन दूर नहीं, जब सिर्फ महागठबन्धन में दलों के नाम पर कुछ ही लोग बचेंगे। गौरतलब है कि एनसीपी ने यह ऐलान ऐसे समय में किया है, जब लगभग सभी सियासी दल अब टिकट बांटने में लगे हुए हैं। सियासी जानकार इसे इस नज़रिए से भी देख रहे हैं कि एनसीपी दूसरे दलों के नाराज़ उम्मीदवारों का ठिकाना भी हो सकता है।