द फाॅलोअप टीम, रांची:
गिरिडीह के कामेश्वर कुमार रजक को भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा पुलिस संस्मरण दिवस कार्यक्रम के लिए चुना गया था। रजक, अभी हाल ही में लद्दाख में आयोजित इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद वापस आए हैं। बता दें कि लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में प्रत्येक वर्ष यह कार्यक्रम सीआरपीएफ के बहादुरों के बलिदान को याद करते हुए पुलिस संस्मरण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
क्यों मनाया जाता है पुलिस संस्मरण दिवस
वर्ष 1959 में अपने लापता टोही दल की तलाश हेतु लद्दाख के हॉट स्प्रिंग के दुर्गम ईलाके में डीसीआईओ करम सिंह के नेतृत्व में एक गश्ती दल का गठन किया गया था, जिसमें सीआरपीएफ एवं इन्टेलिजेंस ब्यूरो के 20 जवान शामिल थे। गश्ती के दौरान उनपर चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा घात लगाकर हमला किया गया। चीनी सेना के जवान काफी संख्या में थे और भारी हथियारों से लैस थे। उसके बावजूद भी भारतीय सुरक्षा बल के जवानों ने उनके खिलाफ वीरता पूर्वक लड़ते हुये शहीद हुये। इस लड़ाई के दौरान शहीद हुए सभी पुलिस कर्मियों की याद में पूरे देश में 21 अक्टूबर को पुलिस संस्मरण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
पुलिस प्रमुख ने रजक को सौंपा प्रषस्ति-पत्र
उक्त कार्यक्रम में सफलतापूर्वक भाग लेकर लौटने पर पुलिस महादेशक, झारखण्ड एम वी राव के द्वारा बुधवार को रजक को प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह प्रदान किया गया।
इस कार्यक्रम में इन क्षेत्रों के जवान होते हैं शामिल
इस आयोजन में अरुणाचल प्रदेश, आसाम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखण्ड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, नागालैंड़, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, दिल्ली, लद्दाख, लक्षद्वीप, बीएसएफ, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एनएसजी, एसएसबी, एनआईए, आरपीएफ से पदाधिकारियों ने भी भाग लिया।