द फॉलोअप टीम दिल्ली
जुड़ेंगे, लड़ेंगे, जीतेंगे के नारे के साथ दिल्ली में आंदोलनरत किसानों ने अब अपना ही अखबार शुरू कर दिया है। जिसका नाम है, 'ट्रॉली टाइम्स'। क्यों के सवाल पर उनका कहना है कि मीडिया उनकी बात सुनती नहीं। 'ट्रॉली टाइम्स' नाम इसलिए है कि किसान अपनी-अपनी ट्रॉलियों में ही लदफंद कर दिल्ली के टीकरी और सिंघू बॉर्डरों पर प्रदर्शन के लिए पहुंचे थे।
फिल्मों के लिए काम करते हैं संपादक प्रकाशक
'ट्रॉली टाइम्स' की शुरुआत करने वालों में शामिल हैं दो फिल्मिकार, जो खुद को कृषक परिवार से बताते हैं। फिल्मों के पटकथा लेखक 46 वर्षीय सुमीत मावी और डॉक्यूमेंटरी फिल्म फोटोग्राफर 27 वर्षीय गुरदीप सिंह धालीवाल अखबार के संपादक और प्रकाशक हैं।
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चार पेज का अखबार हिंदी-पंजाबी में
दिल्ली के बॉर्डरों पर जमे आंदोलनकारी किसानों की सेवा के लिए आम लोग भी आगे आ रहे हैं। किसानों को कई प्रकार की सेवाएँ मुफ्त में उपलब्ध् करा रहे हैं। पहले दिन निशुल्का इसकी प्रतियां बांटी गईं। चार पृष्ठों के इस अखबार में 3 पृष्ठ पंजाबी के और एक पृष्ठ हिंदी के हैं।
किसानों के लिए किसानों का समाचार
किसानों के लिए किसानों द्वारा, किसानों का अखबार।ऐसा इसलिए कि आंदोलन स्थल पर दिनभरकी गतिविधियों से वे रूबरू हो सकें। साथ ही फोटो, कार्टून, कविताएं और खबरें भी हैं। शुरू में खर्च संपादकों ने अपनी जेब से किया, पर अब उन्हें दूसरों से आर्थिक सहयोग मिलने लगा है।