द फॉलोअप डेस्क
संसद का शीतकालीन सत्र आज यानी 25 नवंबर से शुरू होने वाला है। लोकसभा चुनाव के बाद से देश का सियासी माहौल काफी बदल चुका है। इसके साथ ही विपक्षी पार्टियों के तेवर से साफ है कि सोमवार से शुरू होने वाला संसद का शीतकालीन सत्र काफी हंगामेदार होने वाला है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सत्र के सुचारु रूप से संचालन के लिए रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। इसमें विपक्षी पार्टियों ने जिस तरह से अडानी और मणिपुर हिंसा जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग रखी है। उससे साफ है कि सत्र के दौरान हंगामा होना तय है।वक्फ संशोधन सहित 16 विधेयकों को लाने के दिए संकेत
वहीं, बैठक के दौरान सरकार ने भी विपक्षी पार्टियों को कुछ विधेयकों को लाने के संदर्भ में संकेत दिए हैं। सरकार द्वारा सत्र के दौरान वक्फ संशोधन और एक राष्ट्र-एक चुनाव जैसे लगभग 16 विधेयकों को लाने के संकेत दिए गए हैं। बता दें कि इनमें से वक्फ संशोधन और एक राष्ट्र-एक चुनाव विधेयक पर पहले से ही सरकार का प्रमुख विपक्षी दलों के साथ टकराव रहा है। साथ ही हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव और कई राज्यों में हुए उपचुनाव की छाया भी संसद सत्र में देखने को मिलेगी। 20 दिसंबर तक चलने वाले संसद सत्र में इन चुनावों और उप चुनावों में आए नतीजों का प्रभाव भी देखने को मिलेगा। संसद के सुचारू संचालन के लिए की अपील- किरण रिजिजू
रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में सत्र के कामकाज को लेकर भी चर्चा हुई। इस बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने जानकारी दी कि नई दिल्ली सरकार ने सभी दलों से संसद का सुचारु रूप से संचालन सुनिश्चित करने की अपील की है।
किरण रिजिजू ने बताया कि शीतकालीन सत्र के लिए सरकार द्वारा लगभग 16 विधेयकों को सूचीबद्ध किया गया है। इनमें वक्फ संशोधन विधेयक भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान एक राष्ट्र-एक चुनाव से जुड़ा विधेयक भी लाया जा सकता है, जिसका संकेत सरकार पहले ही दे चुकी है। रिजिजू ने बताया कि सरकार सभी मुद्दों पर नियमों के तहत चर्चा करने को तैयार है। सरकार बिल्कुल नहीं चाहती है कि सदन का समय जाया हो।