द फॉलोअप डेस्क
राकेश टिकैत ने आज चेतावनी दी कि भविष्य में किसान आंदोलन और भी मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि अगला आंदोलन दिल्ली के अंदर नहीं, बल्कि केएमपी एक्सप्रेसवे पर होगा ताकि राजधानी को चारों ओर से घेरा जा सके। टिकैत ने बताया कि इसके लिए पूरी योजना तैयार कर ली गई है और सभी किसान संगठन एकजुट होकर इसमें भाग लेंगे। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे एक बार फिर संगठित हों और अपनी मांगों को लेकर मजबूती से आगे बढ़ें।
हरियाणा के टोहाना में आज आयोजित किसान महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब के खनौरी और शंभू बॉर्डर पर जारी किसानों के धरनों से केंद्र सरकार को राजनीतिक लाभ मिल रहा है। टिकैत के अनुसार, इस स्थिति से पंजाब सरकार की छवि को नुकसान हो रहा है और स्थानीय दुकानदार भी परेशान हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार धरने को लंबा खींचने की रणनीति पर काम कर रही है और इसे खत्म करने की कोई ठोस पहल नहीं कर रही है।
टिकैत ने यह भी याद दिलाया कि 22 जनवरी 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा की भारत सरकार के साथ बातचीत हुई थी, लेकिन उसके बाद से चार साल में कोई संवाद नहीं हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग किसानों के आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा अब भी एकजुट है और अपने 40 प्रमुख नेताओं पर विश्वास बनाए हुए है।
टिकैत ने कहा कि एमएसपी गारंटी कानून की मांग को लेकर पूरे देश के किसानों को एक विचारधारा पर काम करना होगा। उन्होंने यह भी चेताया कि सिख समुदाय कभी भी शहादत से पीछे नहीं हटता और यदि डल्लेवाल साहब को कोई नुकसान पहुंचता है, तो स्थानीय कमेटी उनके शव को भी नहीं सौंपेगी। टिकैत ने इस स्थिति को बेहद चिंताजनक बताया और आंदोलन को और मजबूत बनाने का आह्वान किया।