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क्या कहते हैं आंकड़े : WHO ने कहा भारत में 90 प्रतिशत कोरोना से हुई मौतें दर्ज़ नहीं

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डेस्कः

WHO की प्रकाशित रिपोर्ट में दावा किया गया है  कि भारत में कोरोना से मरने वालो की संख्या दर्ज़ आकड़ो से कहीं ज्यादा है। रिपोर्ट के अनुमान के मुताबिक़ साल 2020 और 2021 में करीब 47.4 लाख लोगों की मौत हुई। जो पूरी दुनिया में हुए मौतों में सबसे ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक़ 2020 में मरने वालो का आकड़ा 8.3 लाख था। जबकि भारत सरकार की रजिस्टर में 1. 49 लाख दर्ज़ किया गया। वर्ष 2021 के कुल आकड़ो की बात करें तो यह 3. 32 लाख दर्ज़ किया गया। वही डब्लूएचो के मुताबिक़ यह आकड़ा 39.1 लाख था। मतलब भारत में दर्ज़ किये गए आकड़ो से करीब 90 फ़ीसदी ज्यादा। 


कई राज्यों में मुआवजे के लिए दर्ज़ किये गए  ज्यादा आकड़े 
सरकार के मुताबिक़ आंध्र प्रदेश, गुजरात जैसे राज्यों में कोविड से हुई मौत के आकड़े कम थे। जबकि मुआवजे के लिए लोगो ने ज्यादा आवेदन दिए। वही बिहार और केरल जैसे राज्यों में लोगो ने मौत का कारण छिपाया ,जिससे वास्तविक कोरोना से मौत के आकड़े कम दर्ज़ हुए । कम दर्ज़ हुए आकड़ो का कारण लोगो में जागरूकता की कमी और आसानी से सिस्टम तक नहीं पहुंच पाना भी हो सकता है। अब डब्लूएचो की रिपोर्ट के बाद सही-सही मौत का अंदाज़ा लगाना और मुश्किल हो गया है। 

 

इसी साल जनवरी में प्रकाशित साइंस जर्नल में 32 लाख लोगो की मौत का दावा 
इससे पहले दुनिया की प्रतिष्ठित साइंस जर्नल में भारत में कोरोना से 32 लाख लोगों की मौत का दावा किया गया था। ये स्टडी यूनिवर्सिटी ऑफ़ टोरंटो के प्रोफेसर प्रभात झा के नेतृत्व में की गई  थी। इस दौरान सभी राज्यों के 1.40 लाख लोगों से टेलीफोन पर बातचीत की गई थी। साथ ही अस्पतालों से डाटा को इकट्ठा करके उनकी स्टडी की गई थी।

 

भारत में कोरोना की चौथी लहर 
आइआइटी कानपुर की स्टडी के मुताबिक़ देश में 22 जून तक चौथी लहर आने का अनुमान है। चौथी लहर चार महीने तक रहेगी और यह 23 अगस्त को को अपने पीक पर रहेगी। शोधकर्ताओ के मुताबिक़ 24 अक्टूबर को यह लहर खत्म हो सकती है। इससे पहले आइआइटी कानपुर तीसरे लहर की सटीक भविष्यवाणी कर चुका है। जानकारों के मुताबिक़ देश में पाबंदियों के हटने के कारण कोरोना के मामले फिर बढे है।