डेस्क:
बीते 10 दिनों से जारी सियासी ड्रामे के बाद आखिरकार 30 जून को महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन हो गया। हालांकि, चौंकाने वाला फैसला लेते हुए बीजेपी ने बड़ी पार्टी होते हुए भी मुख्यमंत्री का पद शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे को सौंपा।
इस बात का ऐलान करने वाले देवेंद्र फड़णवीस ने तो पहले खुद को सरकार से बाहर रखने का फैसला किया लेकिन गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के समझाने पर उपमुख्यमंत्री बनने को तैयार हो गये। सबको लग रहा था कि मामले का पटाक्षेप हो गया लेकिन लगता है कि महाराष्ट्र के सियासी ड्रामे का अभी क्लाइमैक्स नहीं आया है।
उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर कसा तंज
दरअसल, शुक्रवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का एक बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि कल जो हुआ उसके बारे में मैंने अमित शाह से पहले भी कहा था कि शिवसेना-बीजेपी गठबंधन में ढाई साल शिवसेना का मुख्यमंत्री होना चाहिए। आखिरकार बीजेपी ने कल शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाया। यदि पहले ही ऐसा किया गया होता तो कोई महाविकास अघाड़ी नहीं होती। इस बीच उद्धव ठाकरे ने ये भी कहा कि मेरे लिए मुंबईकरों पर गुस्सा मत कीजिए। मेट्रो शेड के प्रस्ताव में बदलाव मत कीजिए। मुंबई के पर्यावरण के साथ खिलवाड़ मत कीजिए। शिवसेना का एक धड़ा कह रहा है कि एकनाथ शिंदे सरकार नहीं चलेगी।
About what happened yesterday, I had told Amit Shah earlier as well that there should be a Shiv Sena CM for 2.5 years (during Shiv Sena-BJP alliance). Had they done this earlier, there would've been no Maha Vikas Aghadi: Shiv Sena leader and former Maharashtra CM Uddhav Thackeray pic.twitter.com/dFFrJ6qcyN
— ANI (@ANI) July 1, 2022
देवेंद्र फड़णवीस शीर्ष नेतृत्व से नाराज हैं
गौरतलब है कि कल के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर कहा जा रहा है कि एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने देवेंद्र फड़णवीस को नाराज कर दिया है। गृहमंत्री और बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष को मीडिया में आकर कहना पड़ा है कि देवेंद्र फड़णवीस को डिप्टी सीएम बनना चाहिए। ऐसे में उद्धव गुट, एनसीपी और कांग्रेस का कहना है कि ये सरकार बहुत दिन नहीं चलेगी।
शिवसेना के बागी विधायक क्या कह रहे हैं!
इधर, आरोपों पर शिवसेना के बागी गुट के विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि एक सीएम (एकनाथ शिंदे) है जो वास्तव में काम करता है और राज्य के किसी भी कोने में जा सकता है। एक उपमुख्यमंत्री है जो ये नहीं सोचता कि पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते वो उपमुख्यमंत्री कैसे बनेगा। दोनों के पास ऐसा ज्ञान और दृढ़ संकल्प है कि अगर वे एक साथ गये तो महाराष्ट्र को बदल सकते हैं।